हिंदी भाषा साहित्य परिषद (खगड़िया) ने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अपना सर्वोच्च सम्मान ‘स्वतंत्रता सेनानी रामोदित साहु सम्मान’ युवा साहित्यकार और पत्रकार फ़ज़ल इमाम मल्लिक को एक भव्य समारोह में दिया। यह सम्मान हर साल देश के किसी एक साहित्यकार को दिया जाता है। परिषद ने प्रेमचंद स्मृति पर्व के समापन के मौके पर फ़ज़ल को सम्मानित किया। सम्मान स्वरूप उन्हें स्मृति चिन्ह, चादर और मानपत्र दिया गया। फ़ज़ल ‘जनसत्ता’ के दिल्ली संस्करण में बतौर वरिष्ठ उप संपादक जुड़े हुए हैं।
साहित्यिक पत्रकारिता के दौरान उन्होंने पटना से ‘सनद’ और ‘श्रृंखला’ पत्रिका निकाली थी। ‘सनद’ अब दिल्ली से प्रकाशित हो रही है और हिंदी साहित्य में उसकी अपनी पहचान है। इसके अलावा काव्य संग्रह ‘नवपल्लव’ और लघुकथा संग्रह ‘मुखौटों से परे’ का संपादन भी उन्होंने किया है। फ़ज़ल को इससे पहले राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार और सम्मान भी मिल चुके हैं। पत्रकारिता के अलावा कहानी, कविता और लघुकथाएं देश की तमाम बड़ी-छोटी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। जनसत्ता में बतौर खेल पत्रकार अपने करियर की शुरुआत करने वाले फ़ज़ल ने दूरदर्शन के नेशनल नेटवर्क के लिए फुटबाल, टेनिस, एथलेटिक्स व बास्केटबाल की कमेंट्री भी दी है। पिछले साल रायपुर में लघुकथा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।