राजस्थान पत्रिका, नागौर (राजस्थान) के सीनियर सब एडिटर अमरपाल सिंह वर्मा को सरोजनी नायडू पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पंचायती राज में महिलाओं की भूमिका पर उत्कृष्ट लेखन के लिए इस पुरस्कार के तहत वर्मा को दो लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार वितरण समारोह 2 अक्टूबर को नई दिल्ली में होगा। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के संगरिया कस्बे में 12 जुलाई 1970 को जन्मे अमरपाल 1988 में राजस्थान पत्रिका से जुड़े। श्री वर्मा ने सैकड़ों ऐसी खबरें लिखीं जिससे समाज के गरीब तबकों के लोगों को न्याय मिल सका। वर्ष 2005 में वर्मा ने अनपढ़ पूर्व महिला सरपंचों पर अनियमितता एवं धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस थानों में दर्ज किए जा रहे मुकदमों का विश्लेषण किया।
इन मुकदमों को आधार बनाकर ‘पहले सरपंची अब सींखचे’ शीर्षक से विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की। इसका संज्ञान लेकर तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने कड़ा एक्शन लिया। कई महिलाओं को तो जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने इस मामले पर राज्य सरकार के समक्ष ऐतराज जताया तथा केंद्रीय ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री को भी पत्र लिखा। उनका कहना था कि ऐसे मामलों से महिलाएं हतोत्साहित होंगी तो महिला आरक्षण का मतलब ही क्या रह जाएगा। श्रीमती पाटिल के हस्तक्षेप के बाद पूर्व महिला जनप्रतिनिधियों के प्रति सरकार, पुलिस एवं प्रशासन के रवैए में परिवर्तन आया। अमरपाल को अब तक दो दर्जन से अधिक पत्रकारिता पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। इसमें उदयन स्मृति पत्रकारिता सम्मान-2004, दी स्टेट्समैन रूरल रिपोर्टिंग अवार्ड, माणक अलंकरण, ग्राम गदर पत्रकारिता पुरस्कार, डा. तेज नारायण पत्रकारिता पुरस्कार प्रमुख हैं। अमरपाल से संपर्क [email protected] या 09829019785 के जरिए किया जा सकता है।