पत्रिका के संजीव कुमार को रामनिवास गर्ग मेमोरियल पुरस्कार : गोरखपुर की सामाजिक-साहित्यिक संस्था समीक्षा ने स्व. प्रभाष जोशी की स्मृति में 11 हजार रुपये का पत्रकारिता पुरस्कार देने की घोषणा की है. यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों को दिया जाएगा. पुरस्कार उस पत्रकार को दिया जाएगा जो प्रभाष जी को परंपरा को आगे बढ़ा रहा हो. पुरस्कार प्रत्येक साल पत्रकारिता दिवस 30 मई को दिया जाएगा.
इस बाबत गोरखपुर प्रेस क्लब में हुई बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार रोहित पांडेय ने की. उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष पत्रकारों की कमेटी प्रभाष जी के परंपरा को आगे बढ़ाने वाले पत्रकार का चुनाव करेगी. स्थानीय स्तर पर खबरों के चयन के लिए पत्रकार धर्मेंद्र सिंह व राजन राय को जिम्मेदारी सौंपी गई है. राष्ट्रीय स्तर की कमेटी को शीघ्र ही नामित कर दिया जाएगा.
पुरस्कार के लिए एक जून 09 से लेकर अप्रैल, 2010 तक की खबरों पर ही विचार किया जाएगा. अज्ञेय जी की जन्मशती पर सात मार्च को कार्यक्रम आयोजित करने का भी फैसला लिया गया. बैठक में धमेंद्र सिंह, अजय श्रीवास्तव, राजन राय, मनोज कुमार श्रीवास्तव उर्फ गणेश, राकेश द्विवेदी, मनोज यादव, अरुण राय, धर्मेंद्र मिश्रा, संतोष गुप्ता, उमेश पाठक, रवीश श्रीवास्तव उपस्थित रहे. संचालन अजय श्रीवास्तव ने किया.
एक खबर सूरत से। मैत्री मंच संस्था की ओर से पत्रकारिता पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए जाने वाले रामनिवास गर्ग मेमोरियल पुरस्कार 2009 में से दो अवार्ड राजस्थान पत्रिका के खाते में गए हैं। सर्वश्रेष्ठ हिन्दी पत्रकार के लिए राजस्थान पत्रिका के ही संजीव कुमार का चयन किया गया है। उन्हें जेएनएनयूआरएम परियोजना पर की गई स्टोरी के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया है। पुरस्कार समारोह का आयोजन 31 जनवरी को सूरत के होटल लार्ड प्लाजा में किया जाएगा। इसमें प्रसिद्ध साहित्यकार-पत्रकार भगवती कुमार शर्मा पुरस्कार प्रदान करेंगे।
Arun Srivastava
January 28, 2010 at 5:24 am
yeh sarahniya pahal hai, lekin chayan mein pardarshita ka pura khayal rakha jana chahiye, taki yuva pratibhaon ko age ane ka mauka mile.
amit garg
January 28, 2010 at 10:43 am
30 may ko kindi patrakarita divas aata hai. na ki patrakarita divas.
patrakarita divas 29 january ko aata hai.
Arun singh , Azamgarh
January 28, 2010 at 3:23 pm
रोहित जी कि संस्था का यह कार्य बहुत अच्छा है | संस्था के लोग यह कार्य निष्पक्षता से करें तो ठीक है | लेकिन रोहित जी न सिर्फ चेलावादी हैं बल्कि जातिवादी बी कहा जाय तो अतिश्योक्ति नहीं है | निष्पक्षता कि उम्मीद तो बेमानी ही है …………
akhileshwar dhar dwivedi
January 29, 2010 at 11:51 am
my happy given thanks