नोएडा के सेक्टर-125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय में एमिटी इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल एवं एमिटी ग्लोबल बिजनेस स्कूल की ओर से बुधवार को तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रय व्यापार क्षितिज इन्बुश 2010 का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर हिंदी दैनिक समाचार पत्र नईदुनिया को ‘एमिटी मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड फॉर आउटस्टेडिंग कांट्रीब्यूशन टू प्रिंट जर्नलिज्म’ से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान नईदुनिया के प्रमुख संपादक पद्मश्री आलोक मेहता ने ग्रहण किया। इन्बुश 2010 के दौरान कई कारपोरेट कंपनियों को भी एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शहनाज हुसैन ग्रुप आफ कंपनीज की सीईओ शहनाज हुसैन उपस्थित थीं। उन्हें ‘एमिटी वुमेन एचीवर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। एमएमटीसी के सीएमडी संजीव बत्रा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इन्बुश जैसे कार्यक्रमों के जरिए कारपोरेट जगत एवं शिक्षा जगत के दिग्गजों से मिलने का मौका मिलता है। गेल के सीएमडी बीसी त्रिपाठी ने कहा कि परंपरा से चली आ रही करियर की परिभाषा ने दूर तक की सोचने की क्षमता को नष्ट कर दिया था। जबकि लीक से हटकर काम करने वाले ही सम्मान प्राप्त करते हैं और उन्हें नए क्षेत्र में शामिल कर शिक्षक उनके अनुभव में वृद्धि करते हैं।
इस मौके पर एमिटी समूह के संस्थापक अध्यक्ष अशोक कुमार चौहान ने कहा कि आज शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों के हाथ में ही कल देश की बागडोर होगी। इसलिए छात्रों को अभी से पूर्ण रूप से तैयार करना जरूरी है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नईदुनिया के समूह संपादक आलोक मेहता ने अपने विचारों से युवा शक्ति को अच्छी शिक्षा के संस्कार लेकर प्रेम के माध्यम से सफलता पाने और देश को विश्व पटल पर एक नई पहचान देने का आह्यन किया। इस मौके पर पौलेंड के राजदूत प्रोफेसर प्लेयर क्योवास्की, बहरीन के राजदूत मोहम्मद घसन शेखो, मांटीनिग्रो की राजदूत डॉ. जेनिस दरबारी, स्वीडन के राजदूत एनडर्स जोबो ने भी अपने विचार व्यक्त किए। साभार : नईदुनिया
anil pande
February 26, 2010 at 10:27 am
पद्मश्री आलोक मेहता नही, पद्मश्री डाक्टर आलोक मेहता !
आप डाक्टर लगाना भूल गये.
पता नही इस झंड फार्मेसी अखबार को पढ़ता कौन है. फ्री मे भी महंगा है.
अभी कुछ दिन पहले उर्दू नई दुनिया वाले शाहिद सिद्दीक़ी ने इसे बेस्ट अखबार से नवाज़ दिया.
घर की खेती है.
इस अखबार को, और इसे चलाने वालों को “बेस्ट जुगाड़ पुरस्कार” मिलना चाहिए.
सब कुछ जुगाड़ से चल रहा है.
कुछ लोगों के लिए तो पुनर्वास केंद्र है.
भगवान बचाए!
-अनिल पांडे