प्रेस विज्ञप्ति : दिल्ली के इग्नू प्रांगण के मानविकी विद्यापीठ में एक जून को ‘भोजपुरी भाषा में सर्टिफिकेट कार्यक्रम’ से संबंधित विशेषज्ञ समिति की बैठक हुई। बैठक में इग्नू के कुलपति प्रो. वी.एन. राजशेखरन पिल्लई ने कहा कि 20 करोड़ से अधिक आबादी द्वारा बोली जाने वाली भाषा पर पाठ्यक्रम बनाने की योजना महत्वपूर्ण है। 17 देशों में बोली जाने वाली भाषा भोजपुरी के महत्व को इसी से आंका जा सकता है कि मॉरीशस में 70 प्रतिशत लोग भोजपुरी बोलते हैं और वहां इसे देश की द्वितीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।
भोजपुरी भाषा की समृद्ध साहित्यिक परंपरा को ध्यान में रखकर इग्नू ने पिछले वर्ष आधार पाठ्यक्रम का निर्माण आरंभ किया। यह पाठ्यक्रम बन कर तैयार है और जुलाई 2009 के सत्र से छात्रों को उपलब्ध हो जायेगा। कुलपति ने कहा कि सर्टिफिकेट कार्यक्रम के बाद आगे भोजपुरी में बी.ए., एम.ए. के पाठ्यक्रम पर भी कार्य आरंभ होगा। भोजपुरी भाषा पाठ्यक्रम के इस कार्य की संपूर्ण योजना बनाने वाले और पाठ्यक्रम के सूत्रधार एवं संयोजक प्रो. शत्रुघ्न कुमार ने कहा कि भोजपुरी भाषा में पाठ्यक्रम निर्माण से संबंधित वर्षों से संजोये सपने को साकार करने का अवसर मिला है। बैठक में देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे भोजपुरी भाषा साहित्य के चिंतकों, विद्वानों, लेखकों ने हिस्सा लिया जिनमें डॉ. नागेन्द्र प्रसाद सिंह (पटना), प्रो. रामदेव शुक्ल (गोरखपुर), डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह (सासाराम), प्रो. विरेन्द्र नारायण यादव (छपरा), डॉं. प्रेमशिला शुक्ला (देवरिया), प्रो. रामेश्वर मिश्र (शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल) शामिल हैं। विशेषज्ञ समिति की यह बैठक सुबह से शाम तक चली और गहन विचार-विमर्श के बाद पाठ्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप प्रदान किया गया। बैठक में ‘हमार टीवी’ के प्रोग्राम प्रोड्यूसर मनोज भावुक और पूर्वांचल एक्सप्रेस से कुलदीप ने मीडिया प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया। ‘सम्यक् भारत’ के कार्यकारी संपादक के.पी. मोर्या ने इस ऐतिहासिक क्षण को कैमरे एवं वीडियो में सुरक्षित किया।