ऐसा हम नहीं, पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और विधायक सुखपाल सिंह खैहरा कह रहे हैं। सुखपाल ने सुखबीर बादल पर दो कंपनियों के माध्यम से पंजाब में केबल नेटवर्क पर कब्जा कर टीवी चैनलों के प्रसारण को अपने नियंत्रण में लेने का लिखित आरोप लगाते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग पिछले दिनों टेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया और केंद्र सरकार से की थी। टेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया ने खैहरा की शिकायत को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास भेज दिया है। अथारिटी ने खैहरा को जो लिखित जवाब भेजा है उसमें कहा गया है कि सीबीआई जांच कराने का मामला अथारिटी के दायरे में नहीं आता। इसी कारण यह मामला आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित केंद्रीय मंत्रालय के पास भेज दिया गया है।
खैहरा ने एक पत्रकार सम्मेलन में बताया कि उन्होंने इस मामले पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री आनंद शर्मा से फोन पर बात की है। मंत्री ने जांच शुरू कराने के लिए पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी है। खैहरा ने शिकायत की कापियां और अन्य दस्तावेज व सुबूत केंद्रीय मंत्री के पास फैक्स के जरिए भेज दिया है। खैहरा ने अपने आरोपों को फिर से दोहराते हुए इससे संबंधित सुबूत पत्रकारों को भी दिखाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुखबीर द्वारा केबल नेटवर्क पर कब्जा कर टीवी न्यूज चैनलों को नियंत्रित करने की कार्रवाई लोकसभा चुनावों के मद्देनजर की जा रही है ताकि एकतरफा प्रचार करके लोगों को प्रभावित किया जा सके। खैहरा ने कहा कि इस समय पंजाब से प्रसारित होने वाले पंजाबी चैनलों के प्रसारण पर सुखबीर बादल का सौ फीसदी नियंत्रण हो चुका है क्योंकि पंजाब में इन चैनलों का प्रसारण मुख्यतौर पर दो बड़ी केबल नेटवर्क कंपनियों के माध्यम से होता है। खैहरा ने कहा कि इस कारण छोटे केबल नेटवर्क वालों का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि कै. अमरेंद्र और महेंद्र सिंह केपी भी इस मामले में अपना रोष व्यक्त कर चुके हैं और कांग्रेस प्रेस की आजादी को बचाने के लिए अपना अभियान जारी रखेगी।
ज्ञात हो, सुखबीर बादल पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पुत्र हैं। पिछले दिनों इन्हें उप मुख्यमंत्री के बतौर पंजाब सरकार में शामिल कर नंबर दो का ओहदा दे दिया गया है। बताया जाता है कि पंजाब में पिछले कई दिनों से जी ग्रुप का चैनल जी पंजाबी नहीं दिखाया जा रहा है। यह चैनल पंजाब को छोड़कर देश-विदेश के अन्य हिस्सों में दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल (बादल) और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सरकार के खिलाफ कुछ खबरों के प्रसारण के बाद से जी पंजाबी चैनल के पंजाब में प्रसारण को बंद करा दिया गया। अब देखना है कि खैहरा जैसे नेताओं की सक्रियता के बाद पंजाब के केबल नेटवर्क पर सत्ताधारी नेताओं से जुड़ी केबल कंपनियों के कब्जे का प्रकरण क्या मोड़ लेता है।