राजनीतिक दलों और पत्रकार संगठनों ने यूपी सरकार पर निशाना साधा : इंडियन एक्सप्रेस, लखनऊ की वरिष्ठ पत्रकार वजीहा शाह के माल एवेन्यू स्थित आवास को एलडीए की तरफ से ध्वस्त करने व कब्जा करने पर अदालत ने शनिवार को रोक लगा दी। हालांकि शनिवार को भी दो बुलडोजर उनकी कोठी पर पहुंचे पर राजनीतिक दलों के नुमाईंदों और मीडिया के लोगों के पहुंचते ही उन्हें पीछे हटना पड़ा। इस बीच, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मकान को गिराने और कब्जा करने की कोशिश पर रोक लगाते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण को बुधवार तक अपना जबाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ प्रदेश के ज्यादातर राजनीतिक दलों और पत्रकार संगठनों ने एलडीए की कार्रवाई की तीखी निंदा करते हुए इसे मीडिया को आतंकित करने की कोशिश बताया है।
इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जनर्लिस्ट के अध्यक्ष के विक्रम राव ने कहा- यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक महिला पत्रकार के घर पर बार-बार बुलडोजर भेजकर उसे आतंकित करने की कोशिश की जा रही है। भाकपा नेता अशोक मिश्र ने कहा- लगता नहीं कि लखनऊ में लोकतंत्र रह गया है। जो भी बेशकीमती जमीनें हैं, उन्हें सत्तारूढ़ दल के इशारे पर कब्जाने की कोशिश हो रही है। अब स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि पत्रकार तक को नहीं छोड़ा जा रहा है। हमारी पार्टी इस घटना की पुरजोर निंदा करती है। इस बीच कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के साथ कई कांग्रेसी नेताओं ने वजीहा के घर जाकर उनका हालचाल लिया और उनकी हौसला आफजाई की। सिंह ने कहा कि यह घटना शर्मनाक है और दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा- कोठी और प्लाटों पर कब्जा करने की श्रृंखला में अब माल एवेन्यू स्थित इंडियन एक्सप्रेस की महिला पत्रकार की कोठी पर भी सरकार की नजर लग गई है। एलडीए के बुलडोजर कोठी को जमींदोज करने को पहुंचे। माल एवन्यू के इलाके को मुख्यमंत्री ने अपनी जागीर में तब्दील करने का लगता है, मन बना लिया है। बसपा के दफ्तर के बगल में कोठी पर उनकी नजर पड़ गई है। इसे सुनियोजित तरीके से हथियाने का कुचक्र चल रहा है। इससे पूर्व उनके आवास के पास गन्ना आयुक्त की कोठी व एक पूर्व मंत्री की कोठी भी इसी तरह अधिगृहीत की गई थी। प्रेरणा स्थल के बगल में नाले के किनारे रहने वाले लोग भी उजाड़े जा चुके हैं। समाजवादी पार्टी इस कृत्य की घोर निंदा करती हैं। सरकार का इससे मीडिया विरोधी चरित्र उजागर होता है। यह वक्फकी संपत्ती है और मुख्यमंत्री का यह कदम अल्पसंख्यक विरोधी भी हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित ने राज्य सरकार के एक वरिष्ठ पत्रकार के आवास को हथियाने व ढहाए जाने के सरकारी प्रयास की निंदा की। पार्टी ने कहा कि सरकार पत्रकार का आवास ढहा कर माल एवेन्यू को बसपा एवेन्यू बनाना चाहती है दीक्षित ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि राजधानी के महात्मा गांधी मार्ग स्थित बसपा के प्रदेश मुख्यालय के निकट स्थित एक वरिष्ठ महिला पत्रकार का आवास है। बसपा सरकार इस आवास को ढहा कर अपने कार्यालय में मिलाना चाहती है। दीक्षित ने कहा कि लगभग सत्तर हजार वर्गफुट के इस भूखंड पर सरकार की कुदृष्टि है। इससे पहले भी राज्य सरकार राजधानी की कई महत्वपूर्ण इमारतों को ध्वस्त कर चुकी है। वरिष्ठ महिला पत्रकार को उक्त भूखंड 2025 तक नब्बे वर्ष की लीज पर आबंटित है। बावजूद इसके सरकार लखनऊ विकास प्राधिकरण के जरिए उस आवास को गिराने के लिए बुलडोजर भेज रही है। सरकारी अधिकारी महिला पत्रकार को धमका रहे हैं। सरकार प्रशासनिक आतंकवाद का सहारा ले रही है। (साभार – जनसत्ता)