: हमाम में सब नंगे हैं : प्रिय यशवंत जी, भड़ास पर मुन्ना बजरंगी से संबधित ‘हिन्दुस्तान’ में छपे विज्ञापन से संबंधित खबर पढी। अखबारों का प्रबंधन पैसे के लिए कुछ भी करेगा वाली स्थिति में है। ऐसा नहीं कि यह मामला सिर्फ एक अखबार का है। आप अगर नजर दौडाएंगे तो पाएंगे कि हमाम में सब नंगे हैं। आप दैनिक जागरण के पटना संस्करण का बीते 17 अगस्त का अंक देख लें। इसमें छपा एक विज्ञापन चकित कर देने वाला है। पटना पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड और बीते तीन साल से पच्चीस हजार का इनामी रीतलाल यादव का विज्ञापन इस अखबार में छापा गया है।
यह वही रीतलाल है जिसने कई स्वतंत्र इंसानों की बेरहमी से हत्या कर दी जिसके कारनामें खुद दैनिक जागरण ने ही कई बार छापे हैं। पर चंद पैसों के लिए अखबार ने ऐसे अपराधी का स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामना संबंधी विज्ञापन छापा है जिस अपराधी को स्वतंत्रता का अर्थ ही नहीं पता होगा। यशवंत जी, मुझे लगता है कि ऐसे मामलों में अखबार प्रबंधन की मजबूरियां भी हैं। अगर अखबार प्रबंधन ऐसे लोगों को संरक्षण नहीं देगा तो जरूरत पड़ने पर दूसरे अखबारों के कर्मचारियों पर हमला करने के लिए आदमी कहां से आएंगे। शायद आपको याद होगा कुछ साल पूर्व पटना में हिन्दुस्तान और जागरण के कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट का मामला। तब भी दोनों ओर से अपराधी और असामाजिक तत्वों ने हिस्सा लिया था। अब वह दिन भी दूर नहीं जब अपराधियों के इशारे पर अखबार प्रबंधन नाचेगा।
एक पत्रकार
पटना
अमित गर्ग. जयपुर. राजस्थान.
August 31, 2010 at 5:06 am
एकदम सही कहा आपने भाई. आपको साधुवाद.