ज्यादातर बड़े मीडिया हाउसों ने जो एक्जिट पोल कराए हैं, उसमें कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी और कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई गई है। सरकार बनाने को लेकर मीडिया की भविष्यवाणियों पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं क्योंकि अक्सर यह देखा गया है कि मीडिया के सर्वेक्षणों के बिलकुल उलट राजनीतिक तस्वीर चुनाव बाद तैयार हो जाती है और मीडिया के लोग सिर धुनते रहते हैं। हिंदी के एक ब्लागर ने भी यही सवाल उठाया है कि क्या मीडिया कांग्रेस की कठपुतली है? मुंबई के पत्रकार संकेत पाठक ने अपने ब्लाग नजरिया पर दिल की बात कही है। आइए देखें, उन्होंने क्या लिखा है-
क्या मीडिया कांग्रेस की कठपुतली है ??
लोकसभा चुनाव का अंतिम दौर भी अब ख़त्म हो गया है और सारी मीडिया ने अपने अपने तरीके से कयास भी लगाने शुरू कर दिए है। हर चरण के मतदान के बाद हमारी तथाकथित मीडिया अपना अनुमान लोगों के सामने परोस रहा है। पता नहीं इन लोगों ने किसी वोटर से पूछा भी है या नहीं या फिर वोट देने के बाद कोई कितना सच वोलता है ये मैं नहीं जानता, लेकिन सारा मीडिया अपने अपने सर्वे के अनुसार लोगों को बता रहा है कि किसको कितनी सीटें मिलेंगी और किसकी सरकार बनेगी।
कभी आपने सोचा है कि वो चाहे प्रिंट मीडिया हो या फिर इलेक्ट्रोनिक मीडिया, सबके अनुसार कांग्रेस ही सरकार बना रही है। कांग्रेस को ही सबसे ज्यादा सीटें मिल रही है। हर राज्य में जहाँ बीजेपी और अन्य पार्टियाँ मजबूत है, वहां भी कांग्रेस को बढ़त दिखा रहे है। मैं ये नहीं कहता कि कांग्रेस सरकार नहीं बना सकती या फिर मीडिया का अनुमान सही नहीं हो सकता, लेकिन आंकड़े तो कम से कम ऐसे हों जिस पर यकीन किया जा सके। हिन्दुस्तान की पब्लिक इतनी भी मूर्ख नहीं है कि उसे सही गलत आंकडों का पता ही न चलता हो। अब एक नामी अंग्रेजी अखबार को ही ले लीजिये, वो कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 15 सीटें दिलवा रही है। अब भाई इतनी तो कांग्रेस की विधानसभा की सीटें भी नहीं है। और कांग्रेस का खुद का अनुमान भी इतना नहीं बता रहा है। एक और हिंदी चैनल पंजाब में जहां बीजेपी-अकाली की सरकार है वहां बीजेपी-अकाली को 3 सीटें बता रही है जो मेरी तो समझ से बाहर है।
ये तो बस कुछ का अनुमान बता रहा हूँ लिस्ट काफी लम्बी है, जिस पर हसीं भी आती है और गुस्सा भी, कि सारी मीडिया किस तरह कांग्रेस की कठपुतली बन गयी है। जाहिर सी बात है, सरकार अभी कांग्रेस की है तो उसकी तो चाटना ही पड़ेगा। आपको याद होगा गुजरात में सारी मीडिया मोदी को हराने में लगी हुई थी और जब परिणाम आया तो सब बगले झाकने लगे थे। ऐसा ही कुछ पंजाब और कर्नाटक में भी हुआ था। आने वाला परिणाम जो भी हो पर इस चाटुकार मीडिया को तो हार का सामना करना ही पड़ेगा…अरे भाई लोग ये पब्लिक है सब जानती है।
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