कुछ दिनों पहले भी मैंने भड़ास4मीडिया के जरिए सीएनईबी न्यूज चैनल के बड़े-बड़े दिग्गजों तक अपनी बात पहुंचाई थी लेकिन अब तक मुझे इंसाफ और मेरी मेहनत का पैसा नहीं मिला। लिहाजा मैंने एक बार फिर आवाज उठाई है और उम्मीद करता हूं कि आप एक सच्चे कलमकार की तर्ज पर मेरी पीड़ा को उन लोगों तक पहुंचाएंगे जो टीवी स्क्रीन पर इंसाफ की दुहाई हैं लेकिन असल जिंदगी में बिलकुल भी सच्चे नहीं हैं। सिफारिशों के खेल में मैं हार गया लेकिन पूरे एक साल तक किए अपने काम के लिए मैं अब फिर लिख रहा हूं।
मैं बताना चाहूंगा कि कैसे आज कल टीवी न्यूज चैनल में पैसे लेकर पत्रकारों को प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। बस, आप इतना कीजिए कि हजारों रुपये या तो एसाइनमेंट एडिटर को दे दीजिए या किसी भी तरह महंगा गिफ्ट देकर चैनल आईडी प्राप्त कर लीजिए। ध्यान रहे, यदि आपने कोई और रास्ता चुना तो खैर नहीं। आपकी मेहनत गई पानी में और चैनल किसी दूसरे आदमी को अपना पत्रकार बना लेगा। कुछ ऐसी ही सजा भुगत रहा हूं मैं। पिछले दिनों दिल और मेहनत से सीएनईबी के लिए रिपोर्टिंग करते हुए कम से कम सैकड़ों खबरें भेजी। वो टेलीकास्ट भी हुई लेकिन जब पुरस्कार देने का वक्त आया तो मैं पीछे रह गया और डूब गई मेरी मेहनत और आज मैं अपने एक साल की मेहनत के बिल को पास करवाने के लिए रोजाना एसटीडी फोन लगाकर इंसाफ मांग रहा हूं। लेकिन वो लोग जो टीवी में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, मेरी पुकार नहीं सुन रहे हैं। ये खत मेरे दर्द को बयान करने के लिए काफी है।
उम्मीद करता हूं इसे पढ़कर उनके कान पर जूं जरूर रेंगेगी और मुझे मेरी मेहनत का पैसा भी मिलेगा।
पीड़ित
महेंद्र सिंह
सीएनईबी का पूर्व रिपोर्टर
इंदौर, मध्य प्रदेश
संपर्क : [email protected]