जी न्यूज का एक फ्रेंचाइजी न्यूज चैनल है। रायपुर में इसका मुख्यालय है। नाम है ‘जी 24 घंटे छत्तीसगढ़’। इस चैनल ने 9 अक्टूबर को एक विशेष खबर का प्रोमो बनवाया। प्रोमो में कहा गया कि ‘देखना न भूलिए आज रात साढ़े नौ बजे, बिजली पर विशेष प्रोग्राम।’ साथ में यह भी कहा गया है कि… ‘छत्तीसगढ़ सरकार के दावों का है बुरा हाल, ये कैसा पावर हब है, चिराग तले ही है अंधेरा, आखिर कहां गई बिजली…आदि-आदि।’ पर जाने क्या हुआ, रात साढ़े नौ बजे वह विशेष प्रोग्राम प्रसारित ही नहीं किया गया। सूत्र कहते हैं कि प्रदेश सरकार ने चैनल मालिक को हड़का लिया। इशारा कर दिया कि वो दिन न भूलो जब ऐसी ही एक खबर दिखान के कारण तुम लोगों की क्या दशा हुई थी। तब चैनल मालिक के उद्योग की बिजली काट दी गई थी और घर से लेकर चैनल तक को नपवा दिया गया था।
सरकार के लग्गू-भग्गूओं ने चैनल मालिक से साफ कह दिया कि धंधा भी करना चाहोगे और सरकार से टकराओगे भी। दोनों एक साथ नहीं हो सकता। सरकार ने फूं-फां क्या किया, चैनल मालिक की तो जैसे बोलती बंद हो गई। उन्होंने तुरंत इस प्रोग्राम को गिरवाने के आदेश दे दिए। चैनल के पत्रकार रूपी कर्मचारी मरते क्या न करते, रात साढ़े नौ बजे का विशेष प्रोग्राम ड्राप कर दिया। वरिष्ठ लोग पूरे प्रदेश से इनपुट ठीक से न मिल पाने और इस विशेष को फारवर्ड प्लानिंग में डालने जैसी बातें कह रहे हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि चैनल मालिक सरकार से टकराव मोल लेने की मनःस्थिति में नहीं हैं इसलिए वे सरकार विरोधी ऐसे कार्यक्रम चलाने को तैयार नहीं हैं जिस पर सरकार को एतराज हो। जो भी हो, लेकिन आजकल ऐसे उदाहरणों से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का मीडिया बाजार भरा पड़ा है।