न्यूज चैनलों के संपादकों ने काले कानून के प्रति सभी राजनीतिक पार्टियों को जागरूक करने और इस कानून को न लागू होने देने के मकसद से कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। इस मुलाकात अभियान के तहत अब तक भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, सीपीएम के जनरल सेक्रेटरी प्रकाश करात, सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल, सपा नेता अमर सिंह, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान से मिल चुके हैं। आज शाम को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात तय है। इस बीच, देश भर के मीडियाकर्मियों ने 15 जनवरी को काला दिवस मनाने की तैयारी कर ली है। दिल्ली में जंतर-मंतर पर सैकड़ों की संख्या में मीडियाकर्मी दिन में 12 बजे उपस्थित होंगे और काला कानून बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों में बांटे गए कैबिनेट नोट की प्रतियां जलाएंगे।
टीवी, प्रिंट और वेब के पत्रकारों ने 15 जनवरी के काले दिवस के मौके पर बांह पर काली पट्टी बांधकर आफिस में काम करने का ऐलान किया हुआ है। भड़ास4मीडिया के पास देश भर से आ रही सूचनाओं के मुताबिक जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने का सिलसिला 15 जनवरी से शुरू हो रहा है।
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के टीवी जर्नलिस्ट 15 जनवरी को कैबिनेट नोट का प्रतियां फूंकेंगे और डीएम को ज्ञापन देंगे। श्रीगंगानगर के वरिष्ठ टीवी पत्रकार गोविंद गोयल ने बताया कि जिले के पत्रकारों ने काले कानून को वापस लेने के लिए आंदोलन की तैयारी कर ली है।
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के पत्रकार प्रशांत पाठक ने बताया है कि जिले के पत्रकार काले कानून के खिलाफ सड़क पर उतरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।
उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, हरिद्वार के संजय आर्य, जिलाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने केन्द्र की कांग्रेसी सरकार द्वारा मीडिया को सरकारी नियन्त्रण में लेने के लिए काला कानून बनाने की निंदा की। इन दोनों ने बताया कि हरिद्वार जनपद के पत्रकार और उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की हरिद्वार शाखा के सदस्य काले कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। हरिद्वार में 15 जनवरी को केंद्र सरकार का पुतला फूंकने और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देने की तैयारी है।
जिला प्रेस क्लब, औरैया (यूपी) के अध्यक्ष और इंडिया न्यूज के रिपोर्टर सुरेश मिश्रा ने काला कानून लाने की साजिश करने वाली केंद्र सरकार की आलोचना की। उनका कहना है कि केंद्र सरकार मीडिया को एक सीमित दायरे में लाने की जो कोशिश कर रही है वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को जंजीरों में जकड़ने जैसा है। सुरेश मिश्रा ने जानकारी दी कि जिला प्रेस क्लब औरैया ने 15 जनवरी को सरकारी कार्यक्रमों को कवर न करने का फैसला लिया है। जिला प्रेस क्लब के पदाधिकारी अनुराग तिवारी, दिलीप गुप्ता, उमेश दुबे, अभिषेक शर्मा, गौरव त्रिवेदी, पावस उपाध्याय, अश्विनी बाजपेयी, नवनीत तिवारी, अनिल सेंगर, बृजेंद्र सेंगर, सुरेंद्र मिश्रा सहित जिले के सभी पत्रकारों ने काले कानून का विरोध जताते हुए आंदोलन के फैसले का स्वागत किया।
बिलासपुर से मिली खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़ पत्रकार संघ के महासचिव राज गोस्वामी (दैनिक जागरण) की अगुवाई में 15 जनवरी को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। पत्रकार उमेश सोनी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा मीडिया को गुलाम बनाने की मंशा के खिलाफ बिलासपुर के पत्रकारो ने भी 15 जनवरी को काला दिवस मनाते हुए विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है। 15 जनवरी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपा जाएगा। इस मौके पर हुई बैठक में उमेश कुमर सोनी (राष्टीय न्यूज सर्विस), अमित मिश्रा दैनिक इस्पात टाइम्स, शशांक दुबे चैनल वन और अन्य लोग मौजूद थे।
रतलाम से पंकज व्यास ने जानकारी दी है कि यहां के पत्रकारों ने भी 15 जनवरी को काली पट्टियां बांधकर विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है। मीडिया को काले कानून के जरिए नियंत्रित करने की सरकारी मंशा के खिलाफ स्थानीय अखबारों और पत्रिकाओं में खबरें प्रकाशित होने लगी हैं। पंकज व्यास के मुताबिक जिले के पत्रकार काले कानून के खिलाफ चरणबद्ध ढंग से आंदोलन चलाने की तैयारी कर रहे हैं।
साधना न्यूज, लखीसराय के पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने सूचित किया है कि लखीसराय जिले के पत्रकारों ने 15 जनवरी को जिला मुख्यालय पर काले कानून के खिलाफ धरना देने का फैसला लिया है। सभी पत्रकार बाद में एक ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपेंगे।