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अरिंदम चौधरी और उनके संस्थान के झूठ का सच

आजकल निजी शिक्षण संस्थान छात्रों से पैसे ऐंठने के लिए किस तरह गलत तथ्यों को विज्ञापित कर करोड़ों-अरबों बना रहे हैं, इसकी बानगी देखने के लिए करियर्स360 डॉट कॉम नामक वेबसाइट पर जाइए। इसमें अरिंदम चौधरी और आईआईपीएम वालों के झूठ का सच बताया गया है। कैसे ये छात्रों को भरमाते हैं, इसके बारे में विस्तार से समझाया गया है। ये किस किस्म के लुभावने विज्ञापन बड़े-बड़े अखबारों में छपवाते हैं और इन विज्ञापनों के पीछे की असली हकीकत क्या है, इसे इस साइट पर एक रिपोर्ट में बखूबी दर्शाया गया है।

<p align="justify">आजकल निजी शिक्षण संस्थान छात्रों से पैसे ऐंठने के लिए किस तरह गलत तथ्यों को विज्ञापित कर करोड़ों-अरबों बना रहे हैं, इसकी बानगी देखने के लिए करियर्स360 डॉट कॉम नामक वेबसाइट पर जाइए। इसमें अरिंदम चौधरी और आईआईपीएम वालों के झूठ का सच बताया गया है। कैसे ये छात्रों को भरमाते हैं, इसके बारे में विस्तार से समझाया गया है। ये किस किस्म के लुभावने विज्ञापन बड़े-बड़े अखबारों में छपवाते हैं और इन विज्ञापनों के पीछे की असली हकीकत क्या है, इसे इस साइट पर एक रिपोर्ट में बखूबी दर्शाया गया है। </p>

आजकल निजी शिक्षण संस्थान छात्रों से पैसे ऐंठने के लिए किस तरह गलत तथ्यों को विज्ञापित कर करोड़ों-अरबों बना रहे हैं, इसकी बानगी देखने के लिए करियर्स360 डॉट कॉम नामक वेबसाइट पर जाइए। इसमें अरिंदम चौधरी और आईआईपीएम वालों के झूठ का सच बताया गया है। कैसे ये छात्रों को भरमाते हैं, इसके बारे में विस्तार से समझाया गया है। ये किस किस्म के लुभावने विज्ञापन बड़े-बड़े अखबारों में छपवाते हैं और इन विज्ञापनों के पीछे की असली हकीकत क्या है, इसे इस साइट पर एक रिपोर्ट में बखूबी दर्शाया गया है।

IIPM – Best only in claims? शीर्षक से प्रकाशित एक लंबी रिपोर्ट को पढ़ने के बाद पता चलता है कि अब बाजार में कोई नैतिकता नहीं बच गई है। शिक्षा जैसा पवित्र काम भी ठगों के हाथ में आ चुका है। यहां हम बता दें कि आईआईपीएम और अरिंदम चौधरी वहीं हैं जो दी संडे इंडियन नामक मैग्जीन कई भाषाओं में निकालते हैं। मीडिया का किस तरह इस्तेमाल अपने मूल धंधे को गलत-सही तरीके से बढ़ाने के लिए किया जाता है, वह अरिंदम चौधरी और आईआईपीएम के बारे में पढ़कर पता चल जाता है।

दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनेकों बार ऐसे संस्थानों की पोल खुलने के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं की जाती क्योंकि इनके हाथ बहुत लंबे होते हैं और ये हर किसी को चुप कराने के लिए हर तरीके का इस्तेमाल करना जानते हैं। और कुछ न हो तो इनके मीडिया प्रोजेक्ट से ही इतने नामी-गिरामी लोग जुड़े रहते हैं कि वे लाइजनिंग के जरिए अपने आका पर आने वाले संकटों का मोचन करने में जुटे रहते हैं। वजह, शिक्षा की तरह मीडिया से भी पवित्रता गायब हो चुकी है। 

आईआईपीएम का सच जानने और पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए A superior course, global exposure, international faculty and dollar salaries…so claims IIPM. Careers360 investigates पर क्लिक करें। इस रिपोर्ट पर अभी तक 185 कमेंट आ चुके हैं।

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