हरियाणा से प्रकाशित अखबार ‘अभी-अभी’ में रेवाड़ी डेटलाइन से नरेन्द्र वत्स की बाइलाइन स्टोरी प्रकाशित हुई है जिसमें जिले के एक टीवी जर्नलिस्ट के बारे में इशारों-इशारों में काफी कुछ लिखा गया है। बताया गया है कि किस तरह आपराधिक बैकग्राउंड का एक आदमी टीवी जर्नलिस्ट बनने के बाद शाही जिंदगी जी रहा है और लाखों रुपये में खेल रहा है।
स्टोरी के अंत में कहा गया है कि आगे भी इस पत्रकार के बारे में पोल-खोल अभियान जारी रहेगा। इस स्टोरी के लेखक पत्रकार नरेन्द्र वत्स रेवाड़ी में ‘अभी-अभी’ अखबार के ब्यूरो प्रमुख हैं। पता चला है कि इस अखबार ने दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रमुख महेश वैद्य के कारनामों का भी खुलासा किया जिसके बाद महेश ने नरेन्द्र वत्स पर जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज करा दिया। नरेन्द्र वत्स ने इस मामले में कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली है। नरेन्द्र वत्स का कहना है कि वे और उनका अखबार भ्रष्ट पत्रकारों के खिलाफ मुहिम जारी रखेंगे, भले ही इसकी जो कीमत चुकानी पड़े। पत्रकारों के खिलाफ छप रही खबरों में से एक खबर भड़ास4मीडिया पर इसलिए प्रकाशित कर रहे हैं ताकि मीडिया की आड़ में होने वाले धंधों के बारे में जाना जा सके। -एडिटर, भड़ास4मीडिया
जालसाजी में फंसे तो बन गए पत्रकार
नरेन्द्र वत्स
रेवाड़ी, 4 जून। पत्रकारिता में ऐसे चेहरे भी सामने आने लगे हैं, जो इस क्षेत्र के बारे में एबीसी तक नहीं जानते। आपराधिक केस दर्ज हुए तो एक शातिर दिमाग ने इलेक्ट्रानिक मीडिया का दामन थाम लिया। मीडिया की आड़ में अपने पुराने कारनामों के दबाने में यह कामयाब रहा है। यह कथित पत्रकार एक टीवी चैनल की आईडी हथियाकर अब लोगों को जमकर अपनी धौंस दिखाता है। टीवी चैनल से वेतन के रूप में फूटी कौड़ी तक नहीं मिलने के बावजूद इस कथित पत्रकार के ठाठ सबसे शाही नजर आते हैं। इस महाशय के बारे में शहर के आम लोगों को शायद जानकारी न हो, लेकिन पत्रकारिता से जुड़े लोग असलियत से पूरी तरह वाकिफ हैं। पत्रकारिता की आड़ में भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों के खिलाफ ‘अभी-अभी’ की मुहिम लगातार जारी है, जिसका आम लोग भी जोरदार समर्थन कर रहे हैं।
इसी कड़ी में आज एक ऐसे कथित पत्रकार के बारे में बताया जा रहा है जो टीवी चैनल की धौंस देकर लोगों से पैसे ऐंठता है। इस पत्रकार ने करीब एक दशक पूर्व एक समाचार पत्र में मार्केटिंग का काम शुरू किया था। मार्केटिंग करते करते जब वह अपने साथी पत्रकारों के रुतबे को देखता था, तो उसके मन में पत्रकार बनने की ललक पैदा होती थी। न तो पत्रकारिता की जानकारी और न ही अच्छी शिक्षा। इसके बावजूद पत्रकार बनने का मोह भंग नहीं हुआ। इसी दौरान वह समाचार पत्र के करीब एक लाख रुपये डकार गया। अखबार ने उसे न सिर्फ संस्थान से बाहर का रास्ता दिखाया, बल्कि उसके खिलाफ भादस की धारा 420 के तहत केस भी दर्ज करा दिया। केस दर्ज होने के बाद कई दिनों तक गिरफ्तारी के डर से वह गायब हो गया। पुलिस काफी समय तक उसके पीछे पड़ी रही। दूसरी जगह कोई नौकरी नहीं मिली, तो इस शातिर दिमाग शख्स ने मीडिया से जुड़ने की ठान ली। किसी तरीके से वह एक टीवी चैनल में घुसने में कामयाब हो गया।
चैनल का ‘डंडा’ मिलने के बाद उसने न सिर्फ पुलिस बल्कि आम लोगों को भी धकेलना शुरू कर दिया। बताया गया है कि इसके खिलाफ कुछ और केस भी दर्ज थे, लेकिन पत्रकारिता की आड़ में उसने सभी केसों की फाइलें बंद कराने में सफलता हासिल की। जिस समय यह शख्स नौकरी करता था, एक पुराने स्कूटर पर नजर आता था। इस धंधे में आने के बाद उसके ठाठ ही निराले हैं। ए.सी. गाड़ी से नीचे चलना इस शख्स को गंवारा नहीं होता। सूत्र बताते हैं कि फैक्टरियों में हड़ताल के समय चैनल पर खबर चलाने की धमकी देते हुए इस शख्स ने जमकर माल कमाया है। औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाली हड़ताल उसके लिए चांदी काटने का सौदा साबित होती है। एक बेरोजगार की तरह रहने वाले इस कथित पत्रकार के पास ऐसा क्या धंधा है जिससे वह शाही ठाठ ले रहा है, ‘अभी-अभी’ जल्द ही इसका पूरा खुलासा करने जा रहा है।