कानपुर के एक दुकान-भवन स्वामी प्रदीप कुमार सचान ने पत्रकार सुरेंद्र त्रिवेदी पर पांच लाख रुपये हरजाना नहीं देने पर जान-माल की धमकी देने का आरोप लगाया है। दो नेशनल न्यूज चैनलों और एक राष्ट्रीय मैग्जीन के रिपोर्टर सुरेंद्र त्रिवेदी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि सचान अपनी करतूत छिपाने के लिए सारा बवाल खड़ा कर रहे हैं। प्रदीप कुमार सचान पुत्र मुंशीराम ने भड़ास4मीडिया को बताया है कि उनके भवन (127/1/70 डब्ल्यू-1, साकेत नगर, कानपुर) में मोटर साइकिल रिपेयरिंग व कार सर्विस सेंटर का 25 साल पुराना कारोबार है। इसी भवन में सुरेंद्र त्रिवेदी की किराये की तीन दुकानें हैं, जिनमें से दो में उन्होंने अपना ऑफिस खोल रखा है। एक दुकान खाली पड़ी है, जिस पर ताला लटका रहता है। पिछले दिनों वह (प्रदीप) जब सुबह अपनी दुकान खोलने गए तो उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ा।
वहां अपने कुछ साथियों के साथ पहले से मौजूद सुरेंद्र त्रिवेदी पुत्र रामकृष्ण त्रिवेदी, निवासी साकेत नगर ने गाली-गलौज की। उन्होंने धमकाते हुए कहा कि तुम हमारी दुकानों के सामने स्थित रोड साइड फुटपाथ का इस्तेमाल कर रहे हो, तुम्हें इसका पांच लाख रुपये हरजाना देना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं दो नेशनल न्यूज चैनल्स और एक राष्ट्रीय समाचार पत्रिका का ब्यूरो चीफ हूं और शासन-प्रशासन मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पांच लाख रुपये दो, नहीं तो अपनी दुकान छोड़ कर यहां से चले जाओ। प्रदीप का कहना है कि हकीकत जानने के लिए स्थानीय लोगों से इस पूरे मामले की हकीकत की छानबीन कराई जा सकती है। प्रदीप ने लिखित तौर पर पुलिस अधीक्षक से अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए संबंधित न्यूज चैनलों व एक राष्ट्रीय हिंदी मैग्जीन के प्रबंधन को भी आरोप पत्र की प्रतिलिपियां भेजी हैं।
सुरेंद्र त्रिवेदी ने इस पूरे मामले को फर्जी करार देते हुए भड़ास4मीडिया को बताया कि प्रदीप ने उन पर गलत आरोप लगाए हैं। हकीकत यह है कि प्रदीप खुद दोषी है। उन्होंने बताया कि दरअसल, प्रदीप कुमार के मोटर साइकिल रिपेयरिंग व कार सर्विस सेंटर के कारोबार में मेरे छोटे भाई के पांच लाख रुपये लगे हुए हैं। कारोबार दोनों की साझेदारी में है। प्रदीप कुमार अब साझेदारी से मुकरते हुए पांच लाख रुपये नहीं लौटाना चाहते हैं। प्रदीप ने जब पैसे देने से इनकार किया तो उसके खिलाफ मैंने किदवईनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अर्जी दी। पुलिस ने मामले की 12 दिनों तक छानबीन करने के बाद प्रदीप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया है।
सुरेंद्र का कहना है कि जो खुद आरोपी और दोषी है, वह अपना अपराध छिपाने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगा रहा है। सुरेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि प्रदीप ने मेरे पर जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच चल रही है। जल्द ही सच सामने आ जाएगा। सुरेंद्र का कहना है कि वे पिछले ढाई दशक से पत्रकारिता के पेशे में हैं। अगर आप किसी के गलत किए का विरोध करें तो वह तुरंत आप पर धमकाने और वसूलने का आरोप लगा देगा। ऐसे आरोपों से सच्चाई नहीं छिप सकती। सुरेंद्र ने बताया कि प्रदीप ने जानमाल की धमकी दिए जाने का जो आरोप लगाया है वह बेबुनियाद है और असली मुद्दे से ध्यान बंटाने के लिए है।