खबर है कि एनडीटीवी प्रबंधन ने पंकज पचौरी को मैनेजिंग एडीटर (स्पेशल प्रोजेक्ट) बना दिया है। वे सभी नान न्यूज प्रोग्रामों के सर्वेसर्वा होंगे, साथ ही नए प्रोग्राम लांच कराने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। पंकज पचौरी अभी तक एनडीटीवी के ‘हम लोग’ नामक प्रोग्राम के एंकर के बतौर जाने जाते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे छह साल से ‘मिनिस्टर विदाउट पोर्टफोलियो’ के रूप में काम कर रहे थे। अब जाकर उन्हें प्रभार मिला है। वैसे, चर्चा तो उनके मैनेजिंग एडीटर बनने की थी।
लेकिन इस पद पर अनिंदो चक्रवर्ती के लाए जाने से उनका पत्ता कट गया। मैनेजिंग एडीटर (स्पेशल प्रोजेक्ट) जैसा पद देकर एनडीटीवी प्रबंधन ने पंकज को तुष्ट करने की कोशिश तो की ही है, साथ ही दो-दो मैनेजिंग एडीटर बनाकर किसी एक की मनमानी न चलने देने की व्यूह रचना भी कर दी है।
अनिंदो के पहले और देबांग के बाद जो दो लोग मिल-जुलकर एनडीटीवी इंडिया चला रहे थे, उनमें से एक एक्जीक्यूटिव एडीटर संजय अहिरवाल को अब एनडीटीवी इंडिया के अखिल भारतीय ब्यूरो का हेड बना दिया गया है। मतलब, वे एनडीटीवी इंडिया के देश भर में फैले ब्यूरो आफिसों के इंचार्ज होंगे। दूसरे एक्जीक्यूटिव एडीटर मनीष कुमार को अभी कोई कायदे का काम नहीं मिला है। वो अब भी किनारे ही रखे गए हैं। पिछले दिनों वे चुनावी राज्यों से खबरें भेजते व बताते दिखे।
इनपुट हेड सुनील सैनी और आउटपुट हेड रवीश कुमार से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। देबांग के वनवास में भी कोई खास मोड़ नहीं दिख रहा है। वे कंसल्टिंग एडीटर के बतौर एनडीटीवी इंडिया के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। विनोद दुआ हमेशा की तरह मेंटर (पालक) के रूप में एनडीटीवी इंडिया के सबसे प्रमुख खिलाड़ी बने हुए हैं। विनोद दुआ एनडीटीवी इंडिया को दुरुस्त करने के लिए आगे भी अपनी सक्रियता जारी रखेंगे और बदलावों को लाने में प्रमुख भूमिका निभाते रहेंगे।