अगर किसी समाचार पत्र में नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के किसी अफसर के खिलाफ कोई खबर आएगी, तो उस समाचार को प्रेस क्लिपिंग के तौर पर एनडीएमसी में वितरित नहीं किया जाएगा। यह फैसला एनडीएमसी के डायरेक्टर पीआर आनंद तिवारी ने लिया है। यही वजह है कि पिछले कुछ हफ्तों से वे समाचार प्रेस क्लिपिंग में नहीं लगाए जा रहे हैं, जिनमें एनडीएमसी अफसरों की मनमानी और गलत क्रियाकलापों के बारे में छापा जा रहा है। प्रेस क्लिपिंग में केवल वही समाचार भेजे जाएंगे, जो उनकी वाह वाह करते हैं।
इस फैसले से पीआर डिपार्टमेंट के कर्मचारी हैरान और परेशान हैं। उनका कहना है कि दशकों की नौकरी में ऐसा कभी नहीं हुआ। यदि किसी भी विभाग या कर्मचारी के बारे में कोई समाचार छपता है तो उस पर विशेष तरजीह दी जाती थी। लेकिन अब यहां पर उल्टी गंगा बह रही है। समाचार कैसा है, यह तय करने का फैसला पाठक का होता है न की किसी अधिकारी का।
बताते हैं कि पिछले दो महीने से पीआर डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को लगातार प्रताड़ित किय जा रहा है। उन्हें नौकरी खराब करने की धमकियां दी जा रही है। यहां के डायरेक्टर पीआर आनंद तिवारी को लगता है कि पीआर डिपार्टमेंट के कर्मचारी ही अखबारनवीसों को एंटी खबरें दे रहे हैं। हालत यह है कि यहां काम करने वाले हर कर्मचारी के क्रियाकलापों और उसके मिलने-जुलने वालों पर नजर रखी जाती है। बताते हैं कि पीआर डिपार्टमेंट का एक कर्मचारी विधायक करण सिंह तवंर से मिलने चला गया। उसे बुला कर श्री तिवारी ने इतनी बुरी तरह से धमकाया कि उसने इस डिपार्टमेंट में रहते हुए कभी भी श्री तवंर के पास नहीं जाने की कसम खा ली। इस संबंध में श्री तिवारी का कहना है कि किसी के खिलाफ यदि कोई समाचार छापा जाएगा तो हम उसे अपनी प्रेस क्लिपिंग में नहीं लगाएंगे। उस समाचार को जहां पहुंचाना चाहिए, हम वैसे ही पहुंचा देते हैं। अब देखना है कि सूचना के अधिकार के इस युग में श्री तिवारी खबरों पर कितनी रोक लगा पाएंगे।