नागपुर से प्रकाशित हिंदी अखबार ‘दैनिक 1857’ में छपे एक विज्ञापन से बवाल मचा हुआ है। इस विज्ञापन के जरिए आचार्य सुधांशु महाराज के कभी करीबी रहे महावीर प्रसाद मानसिंघका ने सुधांशु महाराज पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और उनसे कुल 22 सवाल पूछे हैं। इस विज्ञापन के छपने के बाद सुधांशु महाराज के भक्तों में आक्रोश फैल गया और इन लोगों ने अखबार बेच रहे हाकरों की पिटाई की व मोबाइल छीन लिए। इस घटना पर ‘दैनिक 1857’ के प्रसार विभाग के लोगों ने सुधांशु महाराज के अनुयायियों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखा दी है।
उधर, सुधांशु महाराज के लोगों ने भी अखबार और मानसिंघका के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। बाद में सुधांशु महाराज के लोगों ने एमपी मानसिंघका पर कई गंभीर आरोप लगाए तो मानसिंघका ने दावा किया कि अगर वे लोग एक भी आरोप सिद्ध कर दें तो वे एक करोड़ रुपये आचार्य के भक्तों में बांट देंगे। मानसिंघका ने आचार्य पर जो आरोप लगाए हैं उसमें एक मामला चारसौबीसी का है।
मानसिंघका के मुताबिक आचार्य के ट्रस्ट को उन्होंने 53 लाख रुपये दिए थे जिसके बदले ट्रस्ट की ओर से इनकम टैक्स छूट का जो सर्टिफिकेट मिला, वह फर्जी निकला। इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि आचार्य के ट्रस्ट को टैक्स में छूट देने का अधिकार नहीं मिला हुआ है। मानसिंघका के मुताबिक आचार्य ने लोगों से अरबों रुपये लेकर उन्हें इनकम टैक्स छूट के फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए।
ज्ञात हो कि वरिष्ठ पत्रकार एसएन विनोद ने ‘राष्ट्र प्रकाश’ से इस्तीफा देने के बाद अपना खुद का अखबार निकाला है जिसका नाम ‘दैनिक 1857’ है। वे इसके प्रधान संपादक है। दैनिक 1857 में सुधांशु महाराज और कभी उनके खासमखास रहे मानसिंघा के विवाद के प्रकाशित होने के कारण नागपुर में यह अखबार अपने तेवर के कारण चर्चा का विषय बन गया है। जिस विज्ञापन पर बवाल मचा है, उसे पढ़ने के लिए क्लिक करें– विज्ञापन