उत्तराखंड के सीमान्त क्षेत्र चमोली जिले के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में पिछले दिनों अमर शहीद कमान्डेंट ‘वीपी पुरोहित स्मृति राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिता’ का आयोजन हुआ। इस मैच के समापन अवसर पर आयोजक उत्तराखण्ड के पंचायत राजमन्त्री राजेन्द्र भण्डारी ने लोक निर्माण निरिक्षण भवन में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। तय समय पर सभी प्रिन्ट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार निरीक्षण भवन पहुंचे तो वहां का नजारा देख पत्रकार अवाक रह गये। वहां पत्रकारों को एक कक्ष में बिठाया गया और वहां एक विद्युत विभाग के अधिकारी द्वारा शराब की बोतलें पत्रकारों को थमा दी गई। प्रेस वार्ता का यह नया रूप देख पत्रकार खुसर-पुसर करने लगे. वहां मौजूद लोगों से इसकी शिकायत की गई तो उनका जवाब था कि प्रेस वार्ता नहीं, बल्कि खाने-पीने के लिए पत्रकार यहां बुलाये गये हैं। इस पर पत्रकार भड़क गये और उन्होंने डाक बंगलों के अन्य कक्षों में मन्त्री को खोजना शुरू किया।
पता चला कि वहां तो अधिकारी, आयोजक सब जाम लड़ाने में मस्त थे। इसी दौरान मौके की नजाकत को देखते हुए मन्त्री महोदय खिसक गये। पत्रकारों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि एक ओर शहीद के सम्मान में मैच का आयोजन कर उन्हें श्रदांजलि दी जा रही है वहीं आयोजक दारू पीने व पिलाने में मस्त हैं. यह हरकत शहीद कमांडेंट की शहादत व सम्मान के साथ खिलवाड़ है। पत्रकारों ने तत्काल बैठक कर इस अजीबोगरीब प्रेस वार्ता का बहिष्कार किया। इस मौके पर श्रमजीवी पत्रकार के जिलाध्यक्ष बीएस झिंक्वाण, जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष देवेन्द्र रावत (इण्डिया न्यूज), दीपक फरस्वाण (दैनिक जागरण), विशन सिंह बौरा (अमर उजाला), पुष्कर सिंह चौधरी (जीन्यूज), प्रभात पुरोहित (ईटीवी), महिपाल (राष्ट्रीय सहारा), हरीश बिष्ट (हिन्दुस्तान), जगदीश पोखरियाल (बद्रीविशाल), गोविन्द सिह रावत (गंगायमुना एक्सप्रेस), महावीर रावत (हिन्दुस्तान), नन्दन सिंह बिष्ट (एएनआई), चन्द्र बल्लभ पुरोहित (बज्र सूची), राजा तिवाड़ी (दबी चिंगारी) समेत कई पत्रकार मौजूद थे।
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February 8, 2010 at 6:37 am
अफसर भी बेचारे हैरान होंगे कि अकेले-अकेले तो ले लेते हैं, सबको एक साथ बिठाकर दे दिया तो इसमें बुरा मानने वाली कौन सी बात है