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दुख-दर्द

अखबार वाला बनकर व्यापारी का एक लाख रुपये ले उड़ा

रायपुर से खबर है कि टिकरापारा इलाके के एक ठग ने खुद को दैनिक अखबार का प्रतिनिधि बताकर बर्तन व्यावसायी को एक लाख रुपये का चूना लगाकर भाग निकला. सदर बाजार में बर्तन व्यावसायी महेश के पास एक अनजान युवक पहुंचा. इस युवक ने स्वयं को एक दैनिक अखबार का प्रतिनिधि बताकर एल्युमिनियम की सीट बेचने की बात कही. युवक की बातों में व्यवसायी आ गया और एल्युमिनियम सीट खरीदने को तैयार हो गए. इस पर युवक ने व्यवसायी को रकम लेकर दैनिक अखबार के कार्यालय चलने के लिए राजी कर लिया. दोनों अखबार के कार्यालय पहुंचे. वहां पर युवक ने व्यवसायी को अखबार के दफ्तर में बाहर खड़ाकर प्रबंधक से चर्चा कर आने की बात कही और कार्यालय के भीतर चला गया.

<p align="justify">रायपुर से खबर है कि टिकरापारा इलाके के एक ठग ने खुद को दैनिक अखबार का प्रतिनिधि बताकर बर्तन व्यावसायी को एक लाख रुपये का चूना लगाकर भाग निकला. सदर बाजार में बर्तन व्यावसायी महेश के पास एक अनजान युवक पहुंचा. इस युवक ने स्वयं को एक दैनिक अखबार का प्रतिनिधि बताकर एल्युमिनियम की सीट बेचने की बात कही. युवक की बातों में व्यवसायी आ गया और एल्युमिनियम सीट खरीदने को तैयार हो गए. इस पर युवक ने व्यवसायी को रकम लेकर दैनिक अखबार के कार्यालय चलने के लिए राजी कर लिया. दोनों अखबार के कार्यालय पहुंचे. वहां पर युवक ने व्यवसायी को अखबार के दफ्तर में बाहर खड़ाकर प्रबंधक से चर्चा कर आने की बात कही और कार्यालय के भीतर चला गया. </p>

रायपुर से खबर है कि टिकरापारा इलाके के एक ठग ने खुद को दैनिक अखबार का प्रतिनिधि बताकर बर्तन व्यावसायी को एक लाख रुपये का चूना लगाकर भाग निकला. सदर बाजार में बर्तन व्यावसायी महेश के पास एक अनजान युवक पहुंचा. इस युवक ने स्वयं को एक दैनिक अखबार का प्रतिनिधि बताकर एल्युमिनियम की सीट बेचने की बात कही. युवक की बातों में व्यवसायी आ गया और एल्युमिनियम सीट खरीदने को तैयार हो गए. इस पर युवक ने व्यवसायी को रकम लेकर दैनिक अखबार के कार्यालय चलने के लिए राजी कर लिया. दोनों अखबार के कार्यालय पहुंचे. वहां पर युवक ने व्यवसायी को अखबार के दफ्तर में बाहर खड़ाकर प्रबंधक से चर्चा कर आने की बात कही और कार्यालय के भीतर चला गया.

अखबार के दफ्तर में वरिष्ठ लेखापाल श्री गुप्ता से इस युवक ने बातचीत कर कबाड़ खरदीने की गुजारिश की. इसमें लेखापाल गुप्ता तैयार हो गए. फिर क्या था, आरोपी को अपना बुना जाल ठीक-ठाक ढंग से पूरा होते दिखा. वह तत्काल दफ्तर से बाहर आकर व्यवसायी से रकम एक लाख रुपए जमा करने की बात बता दोबारा भीतर चला गया और नहीं लौटा. करीब आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद व्यवसायी ने पूछताछ शुरू की तो उनके होश उड़ गए. आरोपी युवक उनको ठगी का शिकार बना रकम लेकर चम्पत हो गया था. व्यापारी टिकरापारा थाने पहुंचा और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई. विचारणीय पक्ष है कि आरोपी युवक बिना किसी जान-पहचान के एक अखबार के दफ्तर में सुनियोजित ढंग से वारदात कर भाग निकलता है, मगर अखबार के किसी नुमांइदे को भनक नहीं लगती. यहां तक कि घटना में अखबार के दफ्तर को ठिकाना बताना भी खोजबीन का विषय हो सकता है. बहुत संभव है कि उक्त दैनिक अखबार के लेखापाल से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस आरोपी को बेनकाब कर पाए.

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0 Comments

  1. digvijay singh

    January 28, 2010 at 10:56 am

    akhbar walo par ane wale samay main aisa hi hua to koi viswas bhi nahi karega

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