मंदी की मार के नाम पर अंधी हाथ सफाई के खेल में भास्कर ग्रुप भी उतर चुका है। भड़ास4मीडिया को उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रबंधन ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। इन बैठकों में कुछ फैसले भी लिए जाने की खबर है। संपादकों को संपादकीय स्टाफ कम करने के लिए कहा गया है। पेज लगाने का काम भी संपादकीय विभाग के हवाले करने को कह कर एक तरह से पेजीनेटरों से पूरी तरह मुक्ति का मन बना लिया गया है। अखबार की ओर से दिये जाने वाले ‘बेस्ट स्टोरी अवार्ड’ पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है। वहीं ‘लैपटाप स्कीम’ को भी ड्राप कर दिया गया है। इस स्कीम के तहत कंपनी अपने सीनियर स्टाफ को आवेदन करने पर लैपटाप उपलब्ध कराती थी। इसके लिए आधा भुगतान कंपनी खुद करती थी जबकि बाकी का आधा भुगतान स्टाफ द्वारा किया जाता था।
एचटी ग्रुप ने भी खर्चे घटाने के लिए कई तरह के आदेश दिए हैं। इसके तहत एचटी और हिंदुस्तान के अफसर अब ज्यादा महंगे होटलों की बजाय अपेक्षाकृत सस्ते होटलो में रुका करेंगे। रेल यात्रा के दौरान पहले से सस्ते टिकट लिया करेंगे। इसी तरह एयर यात्रा के दौरान भी पहले से कम दाम वाली श्रेणी में उड़ा करेंगे। अफसरों-कर्मियों को सेलरी के अलावा दी जाने वाली कई तरह की आर्थिक सुविधाओं में कटौती कर दी गई है। टेलीफोन के बिल के मद में जो पैसे दिए जाते थे, उसे काफी कम कर दिया गया है। प्रिंट निकालने तक में कंजूसी बरतने को कहा गया है। इसी तरह के कई फुटकर आदेश जारी करके खर्चे में कमी करने की कवायद की जा रही है।