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फ्रीलांसरों को पेमेंट न देने से खफा बाली का इस्तीफा

सूर्यकांत बाली‘राज सरोकार’ पत्रिका के संपादक सूर्यकांत बाली ने इस्तीफा दे दिया है। वे इस मैग्जीन से 15 अक्टूबर 2007 को जुड़े थे। पत्रिका के मालिक और प्रधान संपादक दिनेश चंद श्रीवास्तव हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज में 16 वर्षों तक अध्यापन करने के बाद नवभारत टाइम्स के तत्कालीन संपादक राजेंद्र माथुर के बुलावे पर नवभारत टाइम्स में बतौर असिस्टेंट एडिटर ज्वाइन करने वाले सूर्यकांत बाली से भड़ास4मीडिया ने संपर्क साधा तो उन्होंने इस्तीफे की पुष्टि की।

सूर्यकांत बाली

सूर्यकांत बाली‘राज सरोकार’ पत्रिका के संपादक सूर्यकांत बाली ने इस्तीफा दे दिया है। वे इस मैग्जीन से 15 अक्टूबर 2007 को जुड़े थे। पत्रिका के मालिक और प्रधान संपादक दिनेश चंद श्रीवास्तव हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज में 16 वर्षों तक अध्यापन करने के बाद नवभारत टाइम्स के तत्कालीन संपादक राजेंद्र माथुर के बुलावे पर नवभारत टाइम्स में बतौर असिस्टेंट एडिटर ज्वाइन करने वाले सूर्यकांत बाली से भड़ास4मीडिया ने संपर्क साधा तो उन्होंने इस्तीफे की पुष्टि की।

इस पत्रिका का विमोचन पिछले वर्ष नौ अप्रैल को बाबा रामदेव ने किया था। मैग्जीन छोड़ने के पीछे वजह पूछे जाने पर उनका कहना था कि मैग्जीन में उन्हें काम करने की पूरी फ्रीडम थी। प्रबंधन ने कभी मेरे काम में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन पत्रिका जिन जाने-माने कांट्रीब्यूटर-फ्रीलांसर जर्नलिस्टों के सहारे निकल रही थी, उन्हें कंपनी कई महीने से पेमेंट नहीं दे रही थी। जो बड़े लोग मेरे रिक्वेस्ट पर अपने नाम से या पेन नेम से लिख रहे थे, उन्हें अगर मैं भुगतान नहीं दिला पा रहा हूं तो मैं अपने प्रोफेशन को बदनाम कर रहा हूं। इस मसले पर प्रबंधन से कई राउंड बातचीत हुई लेकिन कोई हल न निकलता देख मुझे इस्तीफा देना पड़ा।

ज्ञात हो कि सूर्यकांत बाली ने 10 वर्षों तक नवभारत टाइम्स में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह किया। असिस्टेंट एडिटर के रूप में पत्रकारीय पारी शुरू करने वाले सूर्यकांत बाली को नवभारत टाइम्स में प्रमोट कर सीनियर असिस्टेंट एडिटर, हेड आफ न्यूज और रेजीडेंट एडिटर बनाया गया। बाद में जी न्यूज ज्वाइन किया जहां सवा साल तक रहे। कुछ समय के लिए दैनिक जागरण के साथ भी जुड़े।

सूर्यकांत बाली मूलतः फ्रीलांसर रहे हैं। अध्यापन के दिनों में भी वे जनसत्ता, हिंदुस्तान और नवभारत टाइम्स जैसे अखबारों में पोलिटिकल विषयों पर विश्लेषणात्मक लेख लगातार लिखते रहे। 65 वर्षीय सूर्यकांत बाली आगे क्या करने जा रहे हैं, इस सवाल पर वे कहते हैं कि मैं फिर से स्वतंत्र पत्रकारिता की दुनिया में वापस आ चुका हूं। जब-जब मैं मीडिया संस्थानों से अलग हुआ, फ्रीलांस जर्नलिस्ट के बतौर विभिन्न अखबारों-मैग्जीनों में जमकर लिखा। इंडियन पालिटिक्स और इंडियन हेरिटेज, दो मेरे पसंद के विषय हैं जिन पर मैं लगातार पढ़ता-लिखता रहता हूं। मैं मूलतः डेली न्यूजपेपर का आदमी हूं। अगर कोई अखबार मुझे अपने यहां बतौर एडवाइजर या फ्रीलांसर अपने जोड़ता है तो मुझे काम करने में खुशी होगी।


सूर्यकांत बाली से संपर्क करने के लिए आप उन्हें उनके मोबाइल नंबर 09810771155 पर काल कर सकते हैं।

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