द स्टेट्समैन के एडिटर रवींद्र कुमार और पब्लिशर आनंद सिन्हा को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह कार्रवाई मस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद की। शिकायत में कहा गया है कि मुस्लिमों की भावना को भड़ाकने वाला लेख द स्टेट्समैन ने पब्लिश किया है। यह लेख मूलतः ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट ने प्रकाशित किया था और द स्टेट्समैन ने इसे वहां से उठाकर अपने यहां साभार प्रकाशित किया। लेख का शीर्षक है- ‘ह्वाई शुड आई रिस्पेक्ट आपरेसिव रिलीन्स’। मतलब हुआ- दमन करने वाले धर्मों का आदर क्यों करूं? इस लेख में पैगंबर मोहम्द को लेकर कुछ उलटी-सीधी बातें कही गई हैं। लेख प्रकाशित होने के बाद कोलकाता के मुस्लिम समुदाय के लोगों में रोष फैल गया। द स्टेट्समैन दफ्तर के बाहर एकत्र होकर नारेबाजी और प्रदर्शन करने में जुट गए।
इन मुसलमानों का कहना था कि इस लेख के प्रकाशित होने से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा। बाद में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से अखबार के संपादक और प्रकाशक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। संपादक रवींद्र कुमार का इस मसले पर कहना है कि वे अखबार में लेख प्रकाशित करने पर पहले ही माफी मांग चुके हैं। उन्होंने कहा कि लेख जानबूझकर प्रकाशित नहीं किया गया। यह संपादकीय चूक है, जिसे वे स्वीकार करते हैं।