खबर है कि टाइम्स आफ इंडिया, लखनऊ के दो पत्रकार मंदी के नाम पर छंटनी की भेंट चढ़ चुके हैं। ये दोनों पत्रकार वरिष्ठ हैं और लखनऊ में कई अखबारों में काम कर चुके हैं। टीओआई, लखनऊ में ये इसके ब्यूरो में कार्यरत थे। बताया जाता है कि इन दोनों के जाने से इनकी कमी महसूस की जाने लगी है क्योंकि ब्यूरो में अब नाम मात्र के ही लोग बचे हैं और इन पर वर्क लोड काफी बढ़ गया है। ज्ञात हो कि टाइम्स ग्रुप में पांच फीसदी स्टाफ हटाकर आर्थिक मंदी का मुकाबला किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि टीओआई में पांच फीसदी स्टाफ की छंटनी का मतलब होता है लगभग 400 लोगों की विदाई। बताया जाता है कि टाइम्स ग्रुप में नौ हजार के लगभग मीडियाकर्मी काम करते हैं। दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि इस संख्या में वो लोग शामिल नहीं हैं जिन्हें टीओआई ट्रायल पर रखता है।
ट्रायल पर रखे जाने वालों की संख्या भी अच्छी-खासी है। पहले झटके में इन ट्रायल वालों को ही बाहर किया गया। इन सभी को अगर जोड़ लें तो छंटनी के शिकार मीडियाकर्मियों की संख्या हजार से उपर पहुंच जाती है। टाइम्स ग्रुप में सिर्फ प्रिंट मीडिया की बात करें तो यहां लगभग एक हजार पत्रकार कार्यरत हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें से 45-50 लोगों की विदाई होने की खबर है। इंडिया टाइम्स में 900 एवं टाइम्स बिजनेस सोल्यूशन लिमिटेड (टीबीसीएल) में 1000 का स्टाफ है। इन दोनों जगहों से भी अच्छी-खासी छंटनी होने की सूचना है लेकिन आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो रही है।