बुराइयों के बावजूद मीडिया सबसे पवित्र पेशा : बिहार के राजगीर में इन दिनों पत्रकारों का सम्मेलन चल रहा है। मीडिया के महाकुंभ में आज नैतिकता के मुददे पर सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें वक्ताओं ने निशाने पर राजनीति और राजनेताओं को रखा। विषय प्रवर्तन करते हुए राजस्थान के ईशमधु तलवार ने कहा कि मीडिया अपनी विश्वसनीयता खो रहा है जिसे बचाने की हर हाल मे कोशिश होनी चाहिये। उनका कहना था कि पत्रकारिता को जनपक्षधर होना ही होगा, उसके बगैर काम चलने वाला नही है।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी ने कहा कि विडंबना तो ये है कि आज अखबारों मे जो पैसे लेकर खबर छापने की शुरुआत किसी छोटे मीडिया हाउस ने नही बल्कि देश के सबसे बड़े संस्थानों ने की। हेमंत का कहना था कि पत्रकारों पर आज सवाल उठ रहे हैं। साख का सवाल खड़ा हो रहा है। लिहाजा सबसे पहले पत्रकारों को पहल कर अपनी संपत्ति की घोषणा करनी चाहिये। श्रमजीवी पत्रकार संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने कहा कि पेड न्यूज का धंधा करने वाले अखबार मालिकान को देश की जनता खुद जवाब देगी। इस सिलसिले में उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव में कई क्षेत्रों का जिक्र करते हुये कहा कि बड़े बड़े अखबारों के बड़े-बड़े पैकेज दिये जाने के बावजूद कई बड़े नाम वाले न केवल हारे बल्कि तीसरे स्थान पर खिसक गये। अगले चुनाव में इसका नतीजा ये होगा कि प्रत्याशी खुद पैकेज देने वाले अखबारों से किनारा कर लेंगे।
कर्नाटका के मलिकार्जुनैया ने नये प्रेस आयोग के गठन की मांग की। आईएफडब्लूजे के महासचिव परमानंद पांडे ने कहा कि मीडिया में अनैतिक कामों का सिलसिला आजादी के पहले से चालू था। उन्होंने कहा कि अंग्रेज परस्त अखबार स्वतंत्रता सेनानी की खबरें नही छापते थे। केरल के पत्रकार नेता और आईएफडब्लूजे के पूर्व महासचिव के एम रॉय ने कहा कि सेल्फ इंपोजड इथिक्स होना चाहिये, किसी और की थोपी हुयी नैतिकता नहीं। उऩका कहना था कि आज तक देश के हर घोटाले को बेनकाब मीडिया ने ही किया है। मीडिया तमाम बुराइयों के बावजूद सबसे पवित्र पेशा है जिसने लोकतंत्र की रक्षा हर हाल में की है। लखनऊ के अध्यक्ष सिद्धार्थ कलहंस ने कहा कि नैतिकता के मामले मे खुद मीडिया को पहल करनी होगी। उऩका कहना था कि जनता खुद मीडिया को मजबूर कर देगी अपने को मर्यादित होने के लिए। आईएफडब्लूजे अध्यक्ष के विक्रम राव ने सेमिनार की अध्यक्षता की।
राजगीर में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय महाधिवेशन का विधिवत उदघाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। राजगीर स्थित आयुध फैक्ट्री परिसर में आयोजित सम्मेलन में कई राज्यों से एक हजार से अधिक पत्रकार पहुंचे हुए हैं। अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक व कूटनीतिक तौर पर काफी सतर्क दिखे। कोई ऐसी बात नहीं की, जिसके कई निहितार्थ हों। सीधे व सपाट शब्दों में बिहार की प्राचीन विरासत व राज्य सरकार की ब्रांडिंग की। पत्रकारों के हित में किसी कल्याणकारी योजना की तत्काल घोषणा से बचते हुए उन्होंने बिहार के विकास के लिए कलम चलाने का आग्रह कर डाला। न्यूज वीक व इकोनामिक टाइम्स जैसे पत्र-पत्रिकाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर वाले बिहार के बारे में लिख रहे हैं तो देसी पत्रकारों को भी कलम चलानी चाहिए। इससे पहले मंच पर मुख्यमंत्री के साथ आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव, सेक्रेटरी जनरल परमानंद पाण्डेय, राम गोपाल वर्मा, श्याम बाबू,पूर्व मंत्री एस.पी. तरुण व आईएफडब्लूजे के राज्य अध्यक्ष संजीव शेखर मौजूद थे।
pankaj kumar
February 22, 2010 at 5:56 am
jago patrakar jago;