इटावा (यूपी) जिला प्रशसन इटावा महोत्सव की सौवीं वर्षगांठ मना रहा है। इसके तहत एक विशाल पत्रकार पत्रकार सम्मेलन का आयोजन 4 जनवरी को रखा गया। सभी पत्रकारों को आमन्त्रण पत्र भेजे गये। पर सम्मेलन हुआ ही नहीं। क्या यह पत्रकारों के गाल पर प्रशासन का थप्पड़ नहीं है? पत्रकार सम्मेलन के संयोजक उप जिलाधिकारी दयानन्द प्रसाद और मुख्य अतिथि इटावा जिलाधिकारी जी. एस. प्रियदर्शी को दर्शाते हुये सभी पत्रकार बन्धुओं को आमंत्रण पत्र भेजे गये।
सम्मेलन न होने पर किसी पत्रकार ने यह नहीं पूछा कि आखिर सम्मेलन हुआ क्यों नहीं? लगता है जनपद के सभी पत्रकार प्रशासन के लिये मजाक की चीज हो गये हैं। महोत्सव पंडाल में प्रतिदिन कार्यक्रम हो रहे हैं। 03 जनवरी को एहसान कुरैशी. मेघना नायडू और विनोद राठौर का रंगारंग कार्यक्रम हुआ। इसमें देर रात तक जिलाधिकारी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। लेकिन पत्रकार सम्मेलन कराने में प्रशासन असमर्थ था तो सभी पत्रकारों को आमंत्रण पत्र क्यों भेजा गया? महोत्सव पंडाल में अधिकारियों के सामने प्रतिदिन कैमरे चमकाने की होड़ पत्रकार भाइयों में लगी है। क्या प्रेस क्लब को सम्मेलन न कराए जाने पर आपत्ति प्रकट करते हुए विरोध नहीं दर्ज कराना चाहिए था?
इटावा से एक पत्रकार का पत्र