सौम्या विश्वनाथन आपको याद हैं या भूल गए ! टीवी टुडे ग्रुप से जुड़ी हुई थी। न्यूज चैनल हेडलाइंस टुडे में थीं। महिला पत्रकार थीं। देर रात उन्हें गोली मार दी गई थी। देश की राजधानी दिल्ली में उनकी हत्या हुई थी। साढ़े चार महीने बीतने वाले हैं। हत्यारे पकड़ से बाहर हैं। हम-आप चुप्पी मारे हैं। देखादेखी पुलिस भी मुंह बाधे है। श्रम विभाग सक्रिय है। टीवी टुडे ग्रुप पर निशाना साधा है। कार्रवाई करने की सिफारिश की है। कोर्ट ने मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण पुरी को सम्मन जारी किया है।
पिछले दिनों श्रम विभाग के मुख्य निरीक्षक केआर वर्मा ने विशेष मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जवेद असलम के यहां शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में अरुण पुरी और उनके चैनल को दिल्ली दुकान और ठिकाना अधिनियम 1954 के उल्लंघन का दोषी माना। इस अधिनियम की धारा 14 के मुताबिक महिला से रात में ड्यूटी नहीं करा सकते। अगर कराना है तो पहले श्रम सचिव से अनुमति लेनी होती है। टीवी टुडे ग्रुप ने ऐसा नहीं किया। इसलिए वे कानून न मानने के दोषी हैं।
इस शिकायत पर मजिस्ट्रेट ने अरुण पुरी और टीवी टुडे ग्रुप को सम्मन भेजा है। कानूनन किसी युवक-युवती से गर्मियों में रात 9 से सुबह 7 और सर्दियों में रात 8 से सुबह 8 तक काम नहीं करा सकते। श्रम विभाग ने चैनल को जो नोटिस भेजा था उसके जवाब में चैनल प्रबंधन ने रात में काम कराने को लेकर कुछ भी नहीं कहा। 4 नवंबर को चैनल की तरफ से भेजे पत्र में कहा गया है कि आईटी इंडस्ट्री को अधिनियम की धारा 14 से छूट हासिल है। इस जवाब से श्रम विभाग के मुख्य निरीक्षक संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कोर्ट से कहा है कि केवल कंप्यूटर चलाने से कोई संस्थान आईटी आधारित इंडस्ट्री नहीं हो जाता। मुख्य निरीक्षक के मुताबिक सौम्या से रात में काम कराने के चलते टीवी टुडे समूह दोषी है और इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
ये तो है सौम्या से रात में काम कराने का मसला। लेकिन इससे बड़ा मुद्दा है सौम्या के हत्यारों का गिरफ्त से बाहर होना। क्या दिल्ली के मीडियाकर्मी अपने साथी के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस पर दबाव बनाने के वास्ते एकजुट होकर सड़क पर उतरने के बारे में सोचेंगे? दिल्ली पुलिस ने संदिग्ध हत्यारे का स्केच जारी किया लेकिन उसके बाद से कुछ पता नहीं। वैसे भी, पुलिस ने 30 सितंबर की रात कत्ल की गईं सौम्या के मामले को शुरुआत में सड़क दुर्घटना माना। पोस्टमार्टम में सौम्या के सिर गोली निकलने के बाद हत्या का मामला दर्ज किया। ऐसे में यह जरूरी है कि पुलिस पर दबाव बनाने के लिए मीडिया की तरफ से इस मामले की फाइल खुली रखी जाए।