Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

ब्राडकास्टिंग या डिस्ट्रीब्यूशन- कोई एक धंधा करो !

कारपोरेट मीडियाटेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया (ट्राई) ने मीडिया हाउसों के एकाधिकार पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजी गई सिफारिशों में कहा गया है कि ब्राडकास्टरों (टीवी चैनलों के मालिकों) को टीवी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्मों में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ये टीवी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्म हैं- डायरेक्ट टू होम (डीटीएच), मल्टी सिस्टम आपरेटर, हेडेंट इन द स्काई (एचआईटीएस) और मोबाइल टीवी

कारपोरेट मीडिया

कारपोरेट मीडियाटेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया (ट्राई) ने मीडिया हाउसों के एकाधिकार पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजी गई सिफारिशों में कहा गया है कि ब्राडकास्टरों (टीवी चैनलों के मालिकों) को टीवी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्मों में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ये टीवी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्म हैं- डायरेक्ट टू होम (डीटीएच), मल्टी सिस्टम आपरेटर, हेडेंट इन द स्काई (एचआईटीएस) और मोबाइल टीवी

ट्राई के मुताबिक ब्राडकास्टरों का डिस्ट्रीब्यूशन पर किसी तरह का कोई नियंत्रण नहीं होना चाहिए। खबरों की निष्पक्षता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए ट्राई ने ये सिफारिशें की हैं। इन सिफारिशों के सभी पक्षों पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय विचार करने के बाद फैसला करेगा। अगर ट्राई की सिफारिशों को आईबी मिनिस्ट्री ने मान लिया तो कई बड़े मीडिया घरानों को डिस्ट्रीब्यूशन के अपने कारोबार को समेटना पड़ सकता है। एस्सेल ग्रुप, स्टार इंडिया, सन टीवी नेटवर्क जैसे घराने ब्राडकास्टर होने के साथ-साथ डिस्ट्रीब्यूटर भी हैं। इन घरानों को तब दोनों धंधों में से किसी एक को चुनना पड़ सकता है। ट्राई ने इन कंपनियों के नुकसान को ध्यान में रखते हुए कहा है कि जो मीडिया घराने ब्राडकास्टिंग और डिस्ट्रीब्यूशन दोनों में हैं, उन्हें किसी एक बिजनेस से खुद को अलग करने के लिए और अपने काम को पुनर्नियोजित करने के लिए तीन साल का वक्त दिया जाना चाहिए।

ट्राई का मानना है कि अगर अभी से कारपोरेट मीडिया को लेकर मानक नहीं बनाया गया तो भविष्य में ज्यादा दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। ज्ञात हो कि एस्सेल ग्रुप ब्राडकास्टिंग के साथ डीटीएच, केबल और एचआईटीएस जैसे डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्मों को संचालित करता है। इस ग्रुप के साथ डब्लूडब्लूआईएल और जी इंटरटेनमेंट जैसी कंपनियां प्रमोटर के रूप में जुड़ी हुई हैं। ट्राई की सिफारिशों को मान लिया जाता है तो इन सभी ब्राडकास्टर कंपनियों को डिस्ट्रीब्यूशन के धंधे से 20 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी से हाथ खींचना पड़ेगा। इसी तरह स्टार इंडिया हैथवे में 23 फीसदी और डीटीएच बिजनेस टाटा स्काई में 20 प्रतिशत साझीदार है। सन नेटवर्क के सीएमडी कलानिधि मानर और उनके परिवार का सन डायरेक्ट में 80 प्रतिशत मालिकाना है।

ट्राई ने कहा है कि ये सिफारिश व्यक्ति, ग्रुप, पब्लिक या प्राइवेट कंपनी, फर्म, ट्रस्ट, संगठन सभी पर लागू होंगे। इन सिफारिशों को मोनोपोलीज एंड रेस्ट्रक्टिव ट्रेड प्रैक्टिसेज एक्ट के तहत परिभाषित किया गया है। ट्राई ने प्रिंट के खिलाड़ियों को टीवी या रेडियो क्षेत्र में उतरने को गलत नहीं माना है क्योंकि इससे मीडिया मार्केट को किसी तरह का कोई खतरा नहीं दिख रहा है। इन क्षेत्रों में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा होने से एकाधिकार की आशंका नहीं है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement