मैं सुनील कुमार वर्मा, एमएच1 न्यूज चैनल का स्ट्रिंगर हूं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रहता हूं। मैं यहां अपने सभी दस्तावेज पेश कर रहा हूं। (इसे देखने के लिए ”भड़ास” पर क्लिक करें) एमएच1 न्यूज चैनल मेरे जैसे सैकड़ों स्ट्रिंगरों का पैसा दबाए बैठा है। पिछले दिनों एमएच1 के चेयरमैन महेंद्र सिंह बाटला को पत्र लिखकर कंपनी पर जो कुछ मेरा बकाया हुआ, उसके भुगतान का अनुरोध किया। इस पर कंपनी के चेयरमैन ने पलटवार करते हुए रजिस्टर्ड लेटर भेज कर धमकी दे डाली।
इस लेटर में उन्होंने कहा है कि आपको कंपनी ने जो सोनी कैमरा किट, लैपटाप, माइक, माइक आईडी, डीवीसी आदि दी थी, उसे कंपनी को वापस कर दो। मेरा आप सभी से सवाल है कि जो कंपनी अपने स्ट्रिंगर को टाइम पर पेमेंट नहीं कर सकती, क्या वो लाखों का सामान दे देगी? बाटला ने ये पत्र डराने के लिए भेजा है ताकि मैं बकाया न मांगू।
जान जोखिम में डालकर समाचार कलेक्ट करने वाले स्ट्रिंगर का इसी तरह से शोषण होता रहेगा? जो लोग चैनल से मोटी सेलरी उठा रहे हैं, वे स्ट्रिंगर के दर्द को कभी समझ भी पाएंगे? आखिर कब तक सहेंगे हम इस दर्द को….?
इन सवालों का उत्तर मैं खुद नहीं जानता।
इस दर्द को सिर्फ मैं नहीं झेल रहा, मेरा परिवार भी इसमें भागीदार है। मैंने ये लड़ाई स्वीकार कर ली है। लड़ता रहूंगा। मुझे नहीं पता कि अंजाम क्या होगा।
मेरी इस लड़ाई में मुझे आपके प्यार-आशीर्वाद की जरूरत है। आशा करता हूं कि दुख की घड़ी में आप मुझे उचित मार्गदर्शन जरूर देंगे।
आपका
सुनील कुमार वर्मा
मुजफ्फरनगर, मोबाइल- 09997016295, मेल- [email protected]
(नोट- कंपनी ने मुझे सिर्फ अथारिटी लेटर, आइडेंटिटी कार्ड और माइक आईडी दी है। इसके अलावा कंपनी ने मुझे कुछ नहीं दिया है।)
ये था सुनील कुमार वर्मा का पत्र, जो उन्होंने भड़ास4मीडिया को भेजा है।
मामला केवल किसी सुनील कुमार वर्मा का ही नहीं है। ज्यादातर छोटे न्यूज चैनलों के स्ट्रिंगर परेशान हैं। इन सभी के बकाया न मिलने के मेल व फोन भड़ास4मीडिया के पास हर रोज आते रहते हैं। लेकिन इनमें सबसे ज्यादा मेल अगर किसी एक न्यूज चैनल के दुखी स्ट्रिंगर्स के आए हैं तो वो एमएम1 न्यूज है। राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश तक के इस चैनल के स्ट्रिंगर परेशान हैं।
इनमें से कई तो अब बागी हो चले हैं। एमएच1 न्यूज के झांसी के रिपोर्टर जिन्हें बाद में डिमोट करके स्ट्रिंगर बना दिया गया, ब्रजेश निगम हों या ललितपुर के आलोक चौबे या फिर छतरपुर से सुनील कुमार उपाध्याय या बिजनौर के राजवीर चौधरी। इन सभी की कहानी एक ही है। साल बीतने को आ गया लेकिन पेमेंट नहीं मिला। लाखों रुपये एमएच1 पर बकाया है। ये सभी मुजफ्फरनगर के सुनील कुमार वर्मा की राह पर हैं। इन सभी का कहना है कि चैनल को सैकड़ों स्टोरी भेजी हैं, पर उनका भुगतान तो दूर, स्टोरी के टेप तक नहीं लौटा रहे। ये और इन जैसे सैकड़ों स्ट्रिंगर कई-कई बार न्यूज रूम के वरिष्ठों से लेकर चैनल के प्रबंधकों तक के चक्कर लगा चके हैं, गुहार कर चुके हैं पर इनकी बात पर कोई कान ही नहीं देता।
ये सभी स्ट्रिंगर अब सारे सुबूतों के साथ कोर्ट में जाने, दिल्ली में आकर एमएच1 न्यूज चैनल के आगे आमरण अनशन करने जैसे कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
इन आरोपों के बारे में भड़ास4मीडिया प्रतिनिधि ने एमएच1 न्यूज के कर्ताधर्ता महेंद्र सिंह बाटला से फोन पर बात की तो उन्होंने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उल्टे इन स्ट्रिंगरों को ही ब्लैकमेलर बता दिया। स्ट्रिंगरों के आरोपों को सुनकर गुस्से से तमतमाए महेंद्र बाटला अपनी जुबान पर काबू नहीं रख पाए। उन्होंने यहां तक कह डाला कि आरोप लगाने वाले ये स्ट्रिंगर अगर सामने आ जाएं तो उनकी ऐसी-तैसी कर देंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी ब्लैकमेलर स्ट्रिंगरों को सस्पेंड कर दिया गया है। भड़ास4मीडिया प्रतिनिधि ने जब उनसे पूछा कि वे जो कुछ बोल रहे हैं उसे आन रिकार्ड मानते हुए पब्लिश कर दिया जाए, तो बाटला भड़ास4मीडिया प्रतिनिधि पर भी बरसने लगे। खरी-खोटी सुनाते हुए उन्होंने जो इच्छा हो लिख डालने की सलाह दे डाली। फोन पर ही उनका कहना था कि तुम्हारे (भड़ास4मीडिया प्रतिनिधि) जैसे यहां रोज 36 लोग आते-जाते हैं, आगे से किसी सूरत में फोन मत करना।
वहीं, इन स्ट्रिंगरों का कहना है कि अगर किसी न्यूज चैनल के मालिक की यही जुबान है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां काम करने वाले लोगों की क्या हालत होती होगी। इन स्ट्रिंगरों के मुताबिक, बाटला बंधु की हिस्ट्री मीडिया में सक्रिय हर शख्स को पता है। अपने स्ट्रिंगरों को ब्लैकमेलर बताने वाले बाटला अगर खुद अपने अतीत की तरफ ईमानदारी से झांक कर देखें तो शायद वे किसी दूसरे पर तोहमत लगाने की जुर्रत न कर सकें। इन स्ट्रिंगरों का कहना है कि उन्हें अब किसी चीज का डर-भय नहीं है। वे मीडिया में रहें या न रहें, इससे अब कुछ असर नहीं पड़ता है। वे बाटला से हर हाल में पाई-पाई का हिसाब लेकर रहेंगे, इसके लिए उन्हें चाहें जिस सीमा तक जाना पड़े, वे जाएंगे।
सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि अगर इस लड़ाई में उनकी जान चली जाती है तो उसका सीधा जिम्मेदार महेंद्र सिंह बाटला और चैनल हेड रजनीश नरुला होंगे। इन लोगों ने स्ट्रिंगरों की ऐसी हालत कर दी है कि उनके एकाउंट में एक पैसा नहीं बचा है। लेकिन अगर खबरें भेजने की बात आती है तो स्ट्रिंगर अपना पैसा लगाकर खबर भेजने में देर नहीं करता। सुनील का कहना है कि उन्हें जो पेमेंट अतीत में दिए गए हैं उसमें पांच-पांच महीने का गैप है। ये प्रमाण इस बात के लिए काफी है कि पांच महीने तक कोई पैसा नहीं दिया गया। उसके बाद जो एमाउंट आया वो इतना कम है कि इससे घर तक का खर्च नहीं चलाया जा सकता। सुनील के मुताबिक कोई भी खबर जो एप्रूव होकर उपर से आती है, उसे ही स्ट्रिंगर भेजता है। कोई इतना पागल नहीं है कि अपने घर से पैसा लगाकर खबर भेजे।
सुनील का सवाल है कि स्ट्रिंगरों ने आज अगर पैसे मांग दिए तो वे ब्लैकमेलर हो गए? बाटला कितने दूध के धुले हैं, ये सारी दुनिया जानता है। रही बात सस्पेंड करने की तो वो क्या निकालेंगे, स्ट्रिंगर ऐसे संस्थान के साथ खुद काम नहीं करना चाहता जो जमीन से जुड़े हुए अपने लोगों को उनका हक न दे। यूपी के सभी स्ट्रिंगरों ने बाटला का बुरे वक्त में साथ दिया है। पांच-पांच महीने तक पेमेंट नहीं मांगी। इससे ज्यादा और कोई क्या कर सकता है?
बिजनौर से एमएच1 न्यूज के स्ट्रिंगर राजवीर चौधरी कहते हैं कि उन्होंने भी जब पैसे मांगे तो उनके पास कंपनी की तरफ से लेटर आ गया कि वे कैमरा, लैपटाप आदि जमा कराएं। राजवीर के मुताबिक कोई भी चैनल अपने स्ट्रिंगर को ये सब सामान नहीं देता। अगर बाटला ने दिया है तो उसकी रिसीविंग रसीद दिखाएं। राजवीर का कहना है कि वे इस लड़ाई को हर हाल में लड़ेंगे।
ब्रजेश, आलोक और सुनील कुमार उपाध्याय का भी कहना है कि एमएच1 न्यूज ने उन लोगों का जमकर शोषण किया है। अब यह चैनल उनके खून-पसीने की कमाई को दबाने पर उतारू है। इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।