म्यूजिक, अध्यात्म और न्यूज के तीन चैनल चलाने वाले एमएच1 ग्रुप ने अपने न्यूज चैनल एमएच1 न्यूज के तीन प्रदेशों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के करीब 50 रिपोर्टरों की छुट्टी कर दी है। कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक न होने और मंदी का हवाला देते हुए प्रबंधन की तरफ से एचआर डिपार्टमेंट ने सभी रिपोर्टरों को फोन करके कह दिया है कि वे अब खुद को स्वतंत्र मानें। अगर चाहें तो स्ट्रिंगर के रूप में प्रति स्टोरी 300 रुपये के हिसाब से अपनी सेवाएं दे सकते हैं। रिपोर्टर के रूप में इन पत्रकारों को बारह से पंद्रह हजार रुपये दिए जाते थे। उल्लेखनीय है कि इसके पहले राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे प्रदेशों के रिपोर्टरों की भी छुट्टी की जा चुकी है। एमएच1 के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में अब सिर्फ दो ब्यूरो आफिस काम करेंगे। एक ब्यूरो आफिस शिमला में होगा जो पूरे हिमाचल को कवर करेगा और दूसरा चंडीगढ़ में होगा जो पंजाब और हरियाणा की खबरें भेजेगा। हिमाचल प्रदेश में करीब 8 रिपोर्टर काम करते थे। ये रिपोर्टर मंडी, कुल्लू, सोलन, हमीरपुर आदि जिलों में तैनात थे।
इसी तरह पंजाब में लगभग 15 लोग स्टाफर थे। ये लोग लुधियाना, अमृतसर, भटिंडा, पटियाला आदि जगहों पर रहते हुए रिपोर्ट करते थे। हरियाणा के करनाल, गुड़गांव, पानीपत, अंबाला, हिसार आदि जिलों में लगभग 18 रिपोर्टर एमएच1 न्यूज के लिए काम करते थे। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में भी पहले यही कवायद की जा चुकी है और इन प्रदेशों में भी राजधानियों में ब्यूरो आफिस काम कर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि निकाले गए रिपोर्टरों से स्ट्रिंगर के रूप में काम करने को कहा गया है और बदले में 300 रुपये प्रति स्टोरी देने की बात कही गई है। सूत्रों के मुताबिक एमएच1 न्यूज पर अपने स्ट्रिंगरों का लाखों रुपये बकाया है और स्ट्रिंगरों द्वारा कई बार मांगे जाने के बावजूद भुगतान नहीं किया जाता। यह रिकार्ड देखते हुए छंटनी के शिकार रिपोर्टर अब स्ट्रिंगर के रूप में भी काम करने के लिए तैयार नहीं है। छंटनी के शिकार एक रिपोर्टर ने भड़ास4मीडिया को बताया कि स्ट्रिंगर के रूप में वही रिपोर्टर काम करेंगे जिन्हें किसी न्यूज चैनल का लोगो चाहिए ताकि वे जिले में अपनी हनक कायम रख सकें और न्यूज चैनल के नाम पर कोई दूसरा धंधा करके अपना और अपने परिजनों का पेट पाल सकें।
एमएच1 न्यूज प्रबंधन का स्ट्रिंगरों के साथ बरताव का अभी तक जो इतिहास रहा है, उसे देखते हुए कोई रिपोर्टर उसके साथ एक ईमानदार स्ट्रिंगर के रूप में काम नहीं कर सकता क्योंकि काम करने के बदले में कुछ मिलता नहीं है। सूत्रों का कहना है कि एमएच1 न्यूज को प्रबंधन अब न्यूनतम खर्चे में चलाना चाहता है इसलिए देश भर में सिर्फ ब्यूरो पर निर्भर होकर चैनल चलाने का इरादा कर लिया गया है। इसी लिहाज से राज्यों की राजधानियों के ब्यूरो को छोड़कर बाकी सभी रिपोर्टरों को टाटा-बाय-बाय बोल दिया गया है।