हिन्दी की प्रमुख संवाद समिति ‘यूनीवार्ता’ में इन दिनों व्यापक फेरबदल हो रहा है। यूनीवार्ता एवं उसकी मातृ एजेंसी- यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यूएनआई) को मौजूदा वित्तीय संकट से उबारने तथा दोनों एजेंसियों के कामकाज में सुधार लाने की कोशिश के तहत कुछ महीने पूर्व महाप्रबंधक एवं प्रधान संपादक का पदभार संभालने वाले एके भंडारी ने कई कदम उठाए हैं। कई सालों से यूनीवार्ता के संपादक का पदभार संभाल रहे अशोक शर्मा को टीवी मानिटरिंग के काम में लगा दिया गया है। माना जा रहा है कि ऐसा करके उन्हें शंटिंग में डाला गया है। संपादक का कामकाज देखने की जिम्मेदारी अरूण केसरी को दी गयी है। हालांकि उन्हें संपादक का पद नहीं दिया गया है। अरूण केसरी को ‘चीफ न्यूज एडीटर एंड न्यूज फालो इंचार्ज’ बनाया गया है। अरूण केसरी पहले ब्यूरो प्रमुख थे।
राजीव पाण्डे के यूनीवार्ता छोड़कर आज समाज जाने के बाद रिक्त हुए पद को भरने के लिए अरूण केसरी को ब्यूरो प्रमुख बनाया गया था। अरूण केसरी इससे पहले यूनीवार्ता में ही चीफ न्यूज एडीटर थे। ब्यूरो प्रमुख का कामकाज देखने की जिम्मेदारी शोभना जैन को दी गयी है, हालांकि उन्हें भी ब्यूरो प्रमुख का पद नहीं दिया गया है। उन्हें विशेष संवाददाता के साथ यह अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है।
पिछले कई वर्षों से विशेष संवाददाता रहे रवि चतुर्वेदी को समाचार संपादक बनाया गया है। मुख्य संमाचार संपादक का पद संभाल रहे नरेश कुमार सिंह को भी किसी दूसरे काम पर लगाए जाने की चर्चा चल रही है। पिछले एक साल से समाचार संपादक के रूप में काम करे विनोद कुमार उर्फ विनोद विप्लव और खेल के जानकार पार्थिव कुमार को विशेष संवाददाता बनाया गया है। विनोद कुमार समाचार संपादक बनने से पहले वरिष्ठ संवाददाता बनकर मुंबई गये थे। दिल्ली आने के बाद से वह समाचार संपादक के रूप में काम करते हुए विदेश डेस्क का प्रभार संभाल रहे थे जबकि पार्थिव कुमार खेल डेस्क का प्रभार संभाल रहे थे।
यूनीवार्ता में दस नये पत्रकारों की बहाली के लिए 8 फरवरी और 14 फरवरी को टेस्ट हो चुके हैं और माना जा रहा है कि नये लोगों के आने के बाद यूनीवार्ता में उपरी एवं मध्य स्तर पर और भी फेरबदल हो सकते हैं। चर्चा यह भी है कि ब्यूरो से कुछ और लोग डेस्क पर और डेस्क से कुछ लोग ब्यूरो में लाए जा सकते हैं।