दिल्ली के श्री गुरुनानक देव खालसा कॉलेज में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। विषय था- आधुनिक मीडिया : विभिन्न आयाम। ‘सरोकार-2009’ कार्यशाला का शुभारंभ प्रधानाचार्य डा. मनमोहन कौर ने किया। प्रथम सत्र में एनके सिंह (ईटीवी), गौहर रज़ा (फिल्मकार), सतीश जैकब (इंडिया न्यूज़), ऋषभ शर्मा (लाइव इंडिया) मौजूद थे। उदघाटन भाषण में एनके सिंह ने कहा मीडिया में आज रफ्तार है व भटकाव भी है। यह भटकाव लोगों की मानसिकता में बदलाव से आया है।
सतीश जैकब का कहना था कि पत्रकारों को अपना कार्य पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए। यह सच है कि आज मीडिया पर बाजारवाद हावी है परंतु उसके बावजूद मीडिया में अच्छे काम के लिए जगह बची हुई है। फिल्मकार गौहर रज़ा ने कहा की मीडिया सपनों की नगरी है। मीडिया खूबसूरत मुल्क की तलाश में है। मीडिया ने ही स्वतन्त्रता के लिए खाद-बीज तैयार किए थे। बाजारवाद के बावजूद हमें आज भी मीडिया को मिशन मानने की जरूरत है। ऋषभ शर्मा ने आधुनिक इलक्ट्रानिक मीडिया कि चुनौतियों पर चर्चा की और भावी पत्रकारों को तैयार रहने के टिप्स दिए।
लंच के बाद दूसरा सत्र शुरू हुआ जिसमें वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, राजीव कटारा, हितेन्द्र गुप्त, मधुलोमेश व तृप्ता मौजूद ने विचार व्यक्त किए। अरविंद कुमार सिंह ने कहा की पत्रकारिता में आगे बढ़ने के लिए संर्पक बनाना चाहिए। हर छोटे एवमं बड़े मीडियाकर्मी से मिलना-जुलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पत्रकारिता जटिल पत्रकारिता है। युवाओं को यह पत्रकारिता करने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार होने की जरूरत है। आज राजनीतिक पत्रकारों पर देश की गंदी राजनीती हावी होने का प्रयास कर रही है। आनेवाले पत्रकारों को इससे बचना होगा। राजीव कटारा ने क्रिकेट के बढ़ते अस्तित्व के कारण अन्य खेलों को उचित महत्व न दिए जाने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने खिलाड़ियों के निजी जिन्दगी में पत्रकारिता के प्रवेश करने को गलत बताया। हितेन्द्र गुप्त ने न्यूज़ रूम की हलचल पर प्रकाश डाला और प्रोडक्शन की बारीकियों से रूबरू कराया।
सत्र के अंतिम दौर में अध्यापिका मधुलोमेश व तृप्ता ने मीडिया में भाषा के स्वरूप पर प्रकाश डाला और एक सफल पत्रकार बनने के लिए ईमानदारी से कार्य करने को जरूरी बताया। कार्यशाला की समाप्ति की घोषणा हिन्दी साहित्य सभा की अध्यक्ष डॉ. रेनू दुग्गल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यशाला में विभागाध्यक्ष डा. एच. एस गिल के साथ हिंदी विभाग व अन्य विभागों के अध्यपकों ने भी हिस्सा लिया। कार्यशाला का मुख्य आकर्षण प्रश्नोत्तर सत्र रहा जिसमें छात्रों ने मीडिया से जुड़े लोगों से वाल पूछे। सत्र के अंत में विद्यार्थियों से भी प्रश्न पूछे गये। सबसे पहले उत्तरे देने वाले छात्र को पुरस्कृत किया गया।