अब दिल्ली की बारी : एनडीटीवी ग्रुप के हिंदी और अंग्रेजी न्यूज चैनलों ‘एनडीटीवी इंडिया’ और ‘एनडीटीवी 24×7’ के मुंबई आफिस से बड़े पैमाने पर छंटनी की खबर है। बताया जा रहा है कि यहां से दो दर्जन के करीब मीडियाकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इनमें से कम से कम छह महिलाएं हैं। निकाले गए लोग सभी विभागों के हैं। एनडीटीवी इंडिया के मुंबई आफिस से डेस्क और रिपोर्टिंग मिलाकर चार लोग हटाए गए हैं। एनडीटीवी 24×7 से डेस्क और रिपोर्टिंग से छह लोगों के बाहर किए जाने की खबर है। दोनों चैनल से दो-दो कैमरामैनों की छंटनी की जा चुकी है। प्रोडक्शन में छह लोगों पर गाज गिरी है। इंजीनियरिंग और एडिमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ भी हटाया गया है। एनडीटीवी ग्रुप ने अपने चेन्नई और बेंगलोर आफिसों से भी कम से कम चार-चार लोगों को हटा चुका है। मुंबई आफिस में छंटनी का क्रम पिछले दो दिनों से चल रहा है। प्रबंधन ने संकेत दिया है कि ये लिस्ट अभी अंतिम नहीं है। अगले कुछ दिनों में अब एनडीटीवी के दिल्ली आफिस की बारी है। आशंका जताई जा रही है कि दिल्ली आफिस से भी करीब दो दर्जन लोगों पर गाज गिर सकती है। मुंबई आफिस में छंटनी के दौरान कई तरह की असहज स्थितियां भी सामने आईं हैं।
एनडीटीवी से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र का कहना है कि हटाए जा रहे लोगों को दो महीने से लेकर पांच महीने तक की सेलरी दी जा रही है। मुंबई आफिस से एक कर्मी को जब पांच महीने की सेलरी लेकर बाहर जाने की बात कही गई तो उसने अनुरोध किया कि उसे पांच महीने इसी सेलरी में काम करने दिया जाए। पांच महीने के बाद वह खुद ब खुद नई नौकरी खोजकर कहीं चला जाएगा। उसे पांच महीने की तनख्वाह लेकर घर बैठना ज्यादा पीड़ादायी लग रहा था। सूत्रों के मुताबिक एचआर के लोगों ने उसके इस अनुरोध को न सिर्फ खारिज कर दिया और उसके साथ अभद्रता से पेश आने लगे। तब उस कर्मी ने पांच महीने की सेलरी लेने से भी इनकार कर दिया और इस्तीफे का कागज वहीं फेंककर चला गया। वह एनडीटीवी से फूटी कौड़ी भी न लेने की बात कह कर गया है। सूत्रों के मुताबिक बेहतर माहौल और अच्छी सेलरी के लिए विख्यात एनडीटीवी का स्टाफ इन दिनों इतना परेशान है कि कई लोगों को डाक्टरों ने सुझाव दिया है कि अगर वे सोचना बंद नहीं करेंगे तो उन्हें लकवा मार सकता है। कई लोगों के होंठ बात करते-करते फड़कने लगते हैं। बेहद नर्वस हो चुके इन मीडियाकर्मियों को अफसोस है कि यह सब उस संस्थान में हो रहा है जो अपने अच्छे मानव प्रबंधन और कार्य माहौल के लिए जाना जाता है।
सूत्रों का कहना कि एनडीटीवी जिस सघनता से छंटनी करने में जुटा है उससे जाहिर हो जाता है कि स्थितियां ठीक नहीं रह गई हैं। कास्ट कटिंग रोकने के जितने भी फरमान जारी हो रहे हैं, उसकी धज्जियां शीर्ष स्तर पर बैठे लोग उड़ा रहे हैं लेकिन गाज गिर रही है काम करने वालों पर। बताया जाता है कि पिछले दिनों आदेश जारी हुआ था कि बिजनेस क्लास मे सिर्फ सीईओ यात्रा करेंगे लेकिन ढेर सारे लोग बिजनेस क्लास में यात्रा कर रहे हैं और इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। सूत्रों के मुताबिक मेट्रोनेशन समेत कई चैनलों से छिटपुट स्तर पर दो-चार लोगों को काफी पहले से निकाला जा रहा है।