: फोटो जर्नलिस्ट धीरज शर्मा और पत्रकार पंकज शर्मा जुड़े : अनिल भारद्वाज ने पंजाब केसरी, कृष्णा ने परिवार टुडे और नवीन निगम ने अमर उजाला छोड़ा : भगवान उपाध्याय और नवीन घोषाल का ट्रांसफर : अमर उजाला के कई एडिशनों के लिए लंबे समय तक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में काम कर चुके धीरज शर्मा के बारे में सूचना है कि उन्होंने अमृतसर में अंग्रेजी अखबार न्यूज प्वाइंट के साथ नई पारी शुरू की है. धीरज अच्छे फोटोग्राफर माने जाते हैं. वे 9 वर्ष तक अमर उजाला में रहे. नई दुनिया, चंडीगढ़ से भी जुड़े रहे. न्यूज प्वाइंट अखबार के साथ पंकज शर्मा ने भी नई पारी शुरू की है. वे अभी तक दैनिक जागरण में हुआ करते थे. न्यूज प्वाइंट अखबार जम्मू कश्मीर का है जिसका प्रकाशन अमृतसर से 15 अगस्त को होने वाला है.
दैनिक भास्कर, भोपाल के डीएनई भगवान उपाध्याय का तबादला ग्वालियर किया गया है. वे ग्वालियर संस्करण में संतोष मानव की जगह पर काम देख रहे हैं जिन्हें भास्कर, जमशेदपुर का संपादक बनाया गया है.
अमर उजाला, लखनऊ के सिटी डेस्क प्रभारी नवीन निगम के इस्तीफा देने की सूचना है. उन्होंने आई-नेक्स्ट, लखनऊ ज्वाइन किया है. वहीं अमर उजाला, लखनऊ के ही जनरल डेस्क प्रभारी नवीन घोषाल का तबादला सीतापुर कर दिया गया है.
पंजाब केसरी, गुड़गांव से अनिल भारद्वाज ने इस्तीफा देकर नवभारत टाइम्स, गुड़गांव ज्वाइन कर लिया है. नभाटा का गुड़गांव एडिशन हाल-फिलहाल शुरू किया गया है.
ग्वालियर में परिवार टुडे अखबार से जुड़ीं कृष्णा शर्मा ने अखबार छोड़ दिया है. सूत्रों का कहना है कि वे अखबार में चल रही आंतरिक राजनीति से परेशान हो गईं थीं.
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Ajay shukla
August 6, 2010 at 5:19 pm
Dheeraj ko nayi pari k liye Mubarak.
Ajay
खबरी ग्वालियर से
August 7, 2010 at 11:21 am
डॉक्टर संतोष मानव के ग्वालियर से तबादले के बाद से ही दैनिक भास्कर ग्वालियर में खाली समाचार संपादक के पद भोपाल से भगवान उपाध्याय को भेजा गया है। भगवान उपाध्याय दैनिक भास्कर भोपाल में सिटी डेस्क प्रभारी थे। भगवान उपाध्याय ने ग्वालियर में ज्वाइन कर लिया है। इसके साथ ही यह बात भी साफ है कि दैनिक भास्कर प्रबंधन ने तय कर चुका है कि अखबार के महत्वपूर्ण और उच्च पदों पर बैठाने के लिए ग्वालियर के लोगों पर भरोसा न ही किया जाए। संपादक, महाप्रबंधक और समाचार संपादक जैसे पदों पर बाहरी लोग तैनात हैं। वैसे समाचार संपादक के पद के लिए कई लोग पसीना बहा रहे थे। गुणा भाग कर रहे थे और अपने-अपने सोर्सेज का इस्तेमाल भी कर रहे थे। पर इसमें सिर्फ दो लोग काफी गंभीरता से हाथ-पांव चला रहे। यह दोनों दैनिक भास्कर ग्वालियर के पूर्व सिटी चीफ थे। इनमें से एक को इसलिए अयोग्य ठहरा दिया गया क्योंकि उनकी शैक्षणिक योग्यता कम है और अनियमितता के चलते उन्हें एक बार तबादले की सजा भी मिल चुकी है। दूसरे काफी पढ़े-लिखे हैं पर उनका सिटी चीफ का कामकाज कोई खास धमाकेदार नहीं रहा।
उधर पीपुल्स समाचार में बतौर समाचार संपादक कार्यरत प्रफुल्ल नायक के विदा होने के बाद से ही अखबार में यह पद खाली है। यहां भी कई लोग इस कुर्सी पर बैठने के लिए ग्वालियर से लेकर भोपाल तक प्रयास कर रहे हैं। इसमें दो लोग तो पीपुल्स समाचार ग्वालियर मे ंतैनात संपादकीय प्रभारी के सजातीय हैं। संपादकीय प्रभारी भी इनके लिए प्रयासरत हैं। लेकिन दिक्कत यह आ रही है कि जितना वेतन समाचार संपादक का है, उतना संपादकीय प्रभारी को मिल रहा है। इसलिए पीपुल्स में समाचार संपादक का वेतन कम होना तय है।
नईदुनिया से खबर यह है कि यहां पर जबलपुर से भेजे गए समाचार संपादक की संपादक से पटरी नहीं बैठ पा रही है। अखबार में पूरी लॉबी संपादक की है, इसलिए समाचार संपादक को एक कौने में बैठा दिया गया है। उनका काम सिटी के पेज छोडक़र सभी पेज चेक करने का है। सिटी के पेज संपादक के खासमखास देखते हैं जिन्हें संपादक ने अपनी तरफ से समाचार संपादक का दर्जा दे रखा है।
कुल मिलाकर लब्बोलुआव यही है कि ग्वालियर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में यदि कुछ को छोड़ दिया जाए तो शेष अखबारों में बाहरी लोगों की भरमार होती जा रही है। पीपुल्स समाचार ग्वालियर से लोग छोडक़र जा रहे हैं तो समूह संपादक भोपाल से पत्रकारों की खेप ग्वालियर भेज रहे हैं। ऐसे ही तीन लोग हाल में यहां ज्वाइन कर चुके हैं। स्थानीय लोग पीपुल्स समाचार में जाने से डर रहे हैं। दैनिक भास्कर की की पोस्ट पर पहले से बाहरी लोगों का दखल है। नईदुनिया में भी यह परंपरा चल निकली है।