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इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता : जसवंत

अनुराधा प्रसाद और जसवंत सिंह

न्यूज़24 के खास कार्यक्रम आमने-सामने में जसवंत सिंह ने खुद बीजेपी से निकाले जाने के अपने कड़वे अनुभव के बारे में बताया और कहा कि इससे बडा अपमान नहीं हो सकता। जसवंत सिंह ने न्यूज़24 की एडीटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद से हुई इस खास बातचीत में कहा कि उन्हे लालकृष्ण आडवाणी से उम्मीद थी कि वो उनके लिए खडे़ होंगे।

अनुराधा प्रसाद और जसवंत सिंह

अनुराधा प्रसाद और जसवंत सिंह

न्यूज़24 के खास कार्यक्रम आमने-सामने में जसवंत सिंह ने खुद बीजेपी से निकाले जाने के अपने कड़वे अनुभव के बारे में बताया और कहा कि इससे बडा अपमान नहीं हो सकता। जसवंत सिंह ने न्यूज़24 की एडीटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद से हुई इस खास बातचीत में कहा कि उन्हे लालकृष्ण आडवाणी से उम्मीद थी कि वो उनके लिए खडे़ होंगे।

आडवाणी के रहते उनकी सुनवाई जरूर होगी। वे बोले- “हम साथ काम कर चुके हैं। इसलिए जब आप पूछते हैं कि आडवाणीजी से मुझे अपेक्षा थी तो मैं कहूंगा- हां थी। अपेक्षा यही थी कि न्याय, न्याय शब्द प्रयोग करुगां तो ऐसा लगेगा कि मैं याचक हूं। मैं याचक नहीं हूं। स्वाभिमान के आधार पर कहता हूं, सुनवाई”। जसवंत सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी के बारे में कहा- “पिछले दो-तीन वर्षों से ये सवाल उठने लगा है कि आडवाणी जी स्व निर्णय करके चल रहें हैं या फिर उनके निर्णयों को कोई और कर रहा है। वो शब्द कोटरी है। वे कोटरी में न फंस जाएं कहीं। कोटरी के कारण अंधेरी कोठरी में न जाएं, ये मेरी प्रार्थना है।”

जसवंत सिंह इस बात से भी काफी आहत दिखे कि उन्हे पार्टी से निकाले जाने के बाद किसी भी पूर्व सहयोगी ने उन्हें फोन तक नहीं किया। जसवंत सिंह ने इसे एक रोग बताया-  “मुझे इसका भी खेद है कि मेरे मित्रों ने या सहयोगियों ने आवश्यक नहीं समझा कि वो मुझे फोन करें। ये दोष है, मनोदशा का रोग है। ये केवल बीजेपी में नहीं, सभी पाटिर्यों में है।”

जसवंत सिंह कहते हैं कि जिस तरह से उन्हें निकाला गया, उससे अधिक अपमान नहीं हो सकता- “मेरे भूतपूर्व सहयोगियों ने पता नहीं किन कारणों से क्योंकि अभी तक वो कारण सपष्ट नहीं हो पाए, मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया। किताब मैंने लिखी है। मैं नहीं सोचता किताब लिखना कोई पाप है या उस किताब में ऐसा कुछ है जो आपत्तिजनक है। बहुत कड़वा शब्द है निष्कासन, बहुत कड़वा है”। निष्कासन बहुत चुभता होगा, इस सवाल पर वे बोले- “जी हां, चुभता है, फौज में उसका प्रयाय होगा डिसमिस्ड के रूप में होता है। उससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता। कैडेट भी जो ट्रेनिंग पाते हैं, अगर वो अयोग्य होते हैं, तो उन्हे निष्कासित नहीं किया जाता, विथड्रा किया जाता है। इसलिए मेरे मित्रों ने ये सोचा की हम निष्कासित करेंगे। कितना बड़ा शब्द है”।

जसवंत सिंह ने ये भी साफ कर दिया कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सपा में आने का न्योता दिया है और इसके लिए वो उनके आभारी हैं लेकिन वो किसी भी पार्टी में नहीं जायेंगे- “जब भारतीय जनता पार्टी ने मुझे योग्य नहीं समझा कि मैं उनका सदस्य रहूं, तो अभी तो मैं निर्दलीय ही रहूंगा। किसी पार्टी में जाने का विचार नहीं है”। उनसे पूछा गया कि आपको कंधार जाने के लिए किसने कहा था, वे बोले- “कैबिनेट ने कहा था, ऐसा तो है नहीं कि मैं जहाज़ लेकर वहां कोई नाच गाने देखने जा रहा था।” न्यूज़24 की एडीटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद के साथ जसवंत सिंह का ये पूरा इंटरव्यू आप देख सकते हैं कार्यक्रम ‘आमने-सामने में’, शनिवार रात 8.30 बजे और रविवार रात 10 बजे। प्रेस रिलीज

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