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“निर्भय पथिक” का रजत जयंती समारोह

मुंबई के हिंदी सांध्य दैनिक “निर्भय पथिक” का रजत जयंती समारोह 17 दिसंबर, 2009 को मनाया जाएगा। इस अवसर पर पत्रकारिता ग्रंथ का प्रकाशन किया जाएगा जिसमें पत्रकारिता से संबंधित विविध आलेखों का संग्रह शामिल होगा और पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय से अपनी सेवाएं देने वाले पत्रकारों को प्रोत्साहित करने के लिए पत्रकारिता पुरस्कारों की घोषणा भी की जाएगी। इस विशेष समारोह के लिए महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल सहित अनेक राजनीतिक हस्तियों व वरिष्ठ पत्रकारों को आमंत्रित किया गया है। निर्भय पथिक मुंबई का प्रथम हिंदी सांध्य दैनिक है। इसकी स्थापना 1984 में विजया दशमी के अवसर पर स्व. वेदप्रकाश गोयल ने किया था जो प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के समय केंद्रीय जहाज रानी मंत्री होने के साथ-साथ भाजपा के कोषाध्यक्ष भी थे।

मुंबई के हिंदी सांध्य दैनिक “निर्भय पथिक” का रजत जयंती समारोह 17 दिसंबर, 2009 को मनाया जाएगा। इस अवसर पर पत्रकारिता ग्रंथ का प्रकाशन किया जाएगा जिसमें पत्रकारिता से संबंधित विविध आलेखों का संग्रह शामिल होगा और पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय से अपनी सेवाएं देने वाले पत्रकारों को प्रोत्साहित करने के लिए पत्रकारिता पुरस्कारों की घोषणा भी की जाएगी। इस विशेष समारोह के लिए महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल सहित अनेक राजनीतिक हस्तियों व वरिष्ठ पत्रकारों को आमंत्रित किया गया है। निर्भय पथिक मुंबई का प्रथम हिंदी सांध्य दैनिक है। इसकी स्थापना 1984 में विजया दशमी के अवसर पर स्व. वेदप्रकाश गोयल ने किया था जो प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के समय केंद्रीय जहाज रानी मंत्री होने के साथ-साथ भाजपा के कोषाध्यक्ष भी थे।

निर्भय पथिक के संपादक अश्विनी कुमार मिश्र के मुताबिक इस समाचारपत्र का प्रकाशन एक ऐसे समय में प्रारंभ हुआ था जबकि मुंबई से हिंदी का एकमात्र समाचारपत्र “नवभारत टाइम्स” का प्रकाशन हो रहा था। लेकिन श्रमिक अशांति के कारण कुछ दिनों के निर्भय पथिक के संपादक अश्विनी कुमार मिश्रालिए नवभारत टाइम्स का प्रकाशन बंद कर दिया गया था। ऐसे समय में निर्भय पथिक का प्रकाशन आठ पृष्ठों से प्रारंभ हुआ था और इसकी कीमत एक रुपए थी जो आज भी बरकरार है। हालांकि कुछ विशेष अवसरों को छोड़कर समाचारपत्र ब्लैक एंड व्हाइट में ही प्रकाशित होता है जिसकी वजह से समाचारपत्र अन्य समाचारपत्रों की अपेक्षा पिछड़ गया लेकिन उसकी सामग्री अब भी पठनीय होती है।  

“निर्भय पथिक” को पत्रकारिता प्रशिक्षण संस्थान के रूप में जाना जाता है। यहां से निकलकर अनेक पत्रकार प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के शीर्षस्थ स्थान पर कार्यरत हैं अथवा कार्य कर चुके हैं। ओम प्रकाश तिवारी (दैनिक जागरण), शमशाद अहमद (सहारा समय), अजय भट्टाचार्य (संपादकीय प्रभारी, नवभारत), प्रेम शुक्ल (कार्यकारी संपादक, दोपहर का सामना), ओम प्रकाश (स्थानीय संपादक, दैनिक भास्कर), आर बी यादव (प्रातःकाल), आफताब आलम (दैनिक भास्कर/बिजनेस भास्कर), नवीन नयन(हिंदुस्तान टाइम्स), अजीत सिंह (बिजनेस भास्कर), सुनील सिंह (एनडी टीवी), ममता शर्मा (आकाशवाणी), मुजफ्फर हुसैन (वरिष्ठ पत्रकार/स्तंभकार), सुधीर नांदगांवकर (फिल्म पत्रकार), भृगुनाथ चौहान (हमारा महानगर), अतुल लोके (फोटोग्राफर, आउटलुक), दीपक साल्वे (फोटोग्राफर, मिड-डे), आनंद पांडेय/राजकुमार सिंह (नवभारत टाइम्स), प्रेमचंद शर्मा (दोपहर का सामना), शेषमणि त्रिपाठी (यंगलीडर) आदि अनेक नाम हैं जो निर्भय पथिक में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और अभी भी समाचारपत्र के प्रति स्नेह रखते हैं।

-मुंबई से आफताब आलम की रिपोर्ट

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