प्रभात खबर, धनबाद के सिटी आफिस पर पाटलीपुत्र मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टरों ने हमला बोल दिया। वे सात दिसंबर के अंक में छपी उस तस्वीर से बौखलाए हुए थे जिसमें कुछ जूनियर डाक्टरों को एक मनोरोगी को पीटते हुए दिखाया गया था। एक दिन पहले जब डाक्टर मनोरोगी को सिर्फ इसलिए पीट रहे थे क्योंकि उसने उन्हें मुन्नाभाई कह दिया था, घटना को कवर करने पहुंचे फोटोग्राफर से इन डाक्टरों ने कैमरा छीनने व फोटो डिलीट करने की कोशिश की थी। फोटो छपने पर नतीजा भुगत लेने की धमकी दी थी। उसी धमकी को डाक्टरों ने अमल में लाया।
दिन के करीब 10 बजे 20-25 जूनियर डाक्टर बाइक पर आए और प्रभात खबर, धनबाद के सिटी आफिस में तोड़फोड़ की। मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई की। कई जरूरी कागजात ले गए। शहर में कई जगहों पर डाक्टरों ने हाकरों से प्रभात खबर अखबार छीनकर इसकी प्रतियां जलाईं और सड़क किनारे लगे प्रभात खबर के फ्लैक्स को आग के हवाले कर दिया। प्रभात खबर की ओर से डाक्टरों के खिलाफ धनबाद थाना में नामजद शिकायत दर्ज कराई गई है।
हमले के खिलाफ अगले दिन धनबाद प्रेस क्लब अध्यक्ष संजीव झा ने पत्रकारों की बैठक बुलाई। बैठक में प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे। सभी अखबारों और चैनलों में बैठक की खबर सुर्खी बनी पर हिंदुस्तान, धनबाद में इस खबर का प्रकाशन नहीं किया गया। पता चला है कि मीडिया का एक छोटा-सा हिस्सा डाक्टरों की गुंडई को सपोर्ट कर रहा है। इससे धनबाद के पत्रकारों में रोष है।
मनोरोगी को डाक्टरों द्वारा पीटे जाने की घटना के पीछे पता चला है कि हेमंत यादव नामक मनोरोगी ने सड़क पर घूमने वाले मनोरोगियों को अस्पताल ले जाकर इलाज कराने की ठानी। इसी दौरान एक विक्षिप्त महिला ने हेमंत यादव की आंख में मिर्ची डाल दी। वे इलाज कराने अस्पताल पहुंचे तो डाक्टरों ने टालमटोल का रवैया अपना लिया। इस पर हेमंत यादव ने डाक्टरों को मुन्ना भाई कह दिया। बस, इसी से भड़के डाक्टरों ने हेमंत यादव व उसके एक अन्य मनोरोगी को जमकर पीटा और बंधक बना लिया। डाक्टर नहीं चाहते थे कि उनकी पिटाई की खबर व तस्वीर प्रभात खबर में छपे। इसीलिए मौके पर पहुंचे फोटोग्राफर व रिपोर्टर से भी अभद्रता की और खबर-फोटो छपने पर देख लेने की धमकी दी थी।