आगरा से लांच वीकली मैग्जीन ‘जागता शहर‘ के संपादक अनिल शुक्ला ने मैग्जीन के तीसरे अंक के प्रकाशन से पहले ही इसे टाटा बाय बाय बोल दिया। उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों का कहना है कि अपने तेवर व सरोकारों के लिए विख्यात वरिष्ठ पत्रकार अनिल शुक्ला अपने काम और अधिकार क्षेत्र में दूसरों की दखलंदाजी से क्षुब्ध थे। आगरा के कालीन व्यवसायी नवल किशोर पांडे और उनके पुत्र अशोक पांडे ने ‘ऑफबीट मीडिया’ नाम से कंपनी बनाकर मैग्जीन का प्रभार अपने रिश्तेदार व पत्रकार जय प्रकाश त्रिपाठी को सौंपा। जेपी त्रिपाठी पहले अनिल शुक्ला को ले लाए। बाद में दैनिक जागरण से इस्तीफा देकर अमी आधार निडर भी मैग्जीन से जुड़ गए। हालांकि कहा ये भी जाता है कि मैग्जीन का आइडिया अनिल शुक्ला ने ही दिया था और मैग्जीन की कंटेंट प्लानिंग में उनका काफी योगदान रहा।
जेपी त्रिपाठी ने निडर को प्रबंध संपादक बनाया और अनिल शुक्ला को संपादक। खुद कार्यकारी संपादक बने। लांचिंग अंक तक तो सब ठीकठाक रहा लेकिन इसके बाद खटपट शुरू हो गई। सूत्रों का कहना है कि अनिल शुक्ला की इन दोनों पत्रकारों से ट्यूनिंग नहीं बैठ रही थी। पानी सिर तक आते देख अनिल शुक्ला ने चिर-परिचित स्टाइल में इस्तीफा दे डाला। अपने पत्रकारीय करियर में सिद्धांतों पर अड़े रहने के लिए विख्यात अनिल शुक्ला ने इस बार भी चाकरी करने से इनकार कर दिया। मशहूर पत्रकार एसपी सिंह की टोली के सदस्य रहे अनिल शुक्ला ने एक जमाने में संडे मेल से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि मैं मूर्ख संपादकों को झेलते-झेलते आजिज आ गया हूं। इन्हीं बेबाक अनिल शुक्ला के नाम का इस्तेमाल ‘जागता शहर’ की लांचिंग के लिए किया गया। इस मैग्जीन को अनिल शुक्ला के जीवन का आखिरी मोर्चा बताया गया। लेकिन मैग्जीन के सिर्फ दो अंकों के बाद ही अनिल शुक्ला का इस्तीफा देना सवाल खड़ा करता है कि क्या ‘जागता शहर’ दूसरों को जगाने से पहले खुद ही सोने की तैयारी करने लगा है?
कुछ अन्य खबरें…
खबर है कि दैनिक जागरण, चंडीगढ़ में कार्यरत सीनियर एक्जीक्यूटिव प्रदीप अमर उजाला, चंडीगढ़ में सेल्स आफिसर के रूप में ज्वाइन करने वाले हैं।
सूचना है कि ‘आज समाज’ अखबार अब चंडीगढ़ में पांव पसारने की तैयारी में है। इस माह के अंत तक यहां अखबार के प्रसार को लेकर गतिविधि शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए कुछ लोगों की नियुक्ति भी कर दी गई है।