हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार चौथी दुनिया की दूसरी पारी शुरू हो चुकी है। 16 वर्षों बाद इस अखबार का पुनर्जन्म हुआ है। पिछले कई महीनों से इस अखबार की लांचिंग की तैयारियां चल रही थी। वैसे तो औपचारिक रूप से यह अखबार बाजार में 29 मार्च को आएगा लेकिन प्रबुद्ध लोगों से फीडबैक लेने के लिए इस अखबार का विशेषांक चुनिंदा लोगों के हाथों में पहुंचने लगा है। बताया जा रहा है कि चौथी दुनिया की दूसरी पारी ने भी इतिहास रचा है। यह पहला साप्ताहिक ब्राडशीट अखबार है जिसके सभी बीसों पेज ग्लेज पेपर पर हैं, सभी पेज संपूर्ण रंगीन हैं और हीट सेट पर प्रकाशित हैं।
संपूर्ण रंगीन से आशय हर पेज अलग-अलग कलर लिए हुए है। उत्कृष्ट कंटेंट और बेहतरीन क्वालिटी वाले इस साप्ताहिक अखबार की कीमत 20 रुपये है। प्रबंधन की रणनीति देश के 10 राज्यों में रहने वाले 43.5 करोड़ की हिंदी भाषी आबादी को प्रभावित करने वाले 10 लाख पढ़े-लिखे और समझदार लोगों तक पहुंचना है। हिंदी समाज को वैचारिक नेतृत्व प्रदान करने वाले इसी 10 लाख प्रबुद्ध पाठकों को लक्ष्य कर निकाले गए इस साप्ताहिक अखबार के प्रधान संपादक मशहूर पत्रकार संतोष भारतीय हैं।
इस अखबार की संपादकीय टीम में वीनू संदल, डा. मनीष, धीर, रुबी, व्यालोक, राहुल, ऋतिका, पावस, भावना, निधि, सोनिका, विवेक, सुनील, प्रभात आदि हैं। चौथी दुनिया की पहली पारी की ही तरह दूसरी पारी में भी ज्यादातर नौजवान और प्रतिभाशाली पत्रकारों को मौका दिया गया है। चौथी दुनिया ने अपने साथ हिंदी पट्टी के सर्वोत्कृष्ट मेधा (इतिहासकार, शिक्षाविद, सामाजिक चिंतक, वरिष्ठ पत्रकार, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, आर्थिक विशेषज्ञ आदि) को जोड़ा है। एक खास रणनीति के तहत अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों को इस अखबार से जोड़ा गया है।
देश के सभी राज्यों की राजधानियों और प्रमुख शहरों में एक से लेकर चार पत्रकारों को जोड़ा गया है। इनमें से श्रेष्ठ रिपोर्ट देने वाले को चौथी दुनिया की टीम में शामिल किया जाएगा। अखबार के विशेषांक में प्रख्यात पर्यावरणविद वंदना शिवा, मशहूर पत्रकार एमजे अकबर और हरिवंश, भारत सरकार के पूर्व कामर्स एंड फाइनेंस सेक्रेटरी डा. एसपी शुक्ला की रपट हैं।
अखबार के जनरल मैनेजर के रूप में फाइनेंस एक्सपर्ट गुरप्रीत चावला ने ज्वाइन किया है। मुद्रक और प्रकाशक राम पाल भदौरिया हैं। प्रसार का काम डीएस श्रीवास्तव देखेंगे जो एचटी ग्रुप से आए हैं। वाइस प्रेसीडेंट (सरकुलेशन) डीएस श्रीवास्तव ने भड़ास4मीडिया को बताया- ‘हमने विशेषांक दिल्ली समेत देश भर के प्रमुख सेंटरों पर भिजवाया है। शुरुआती फीडबैक उत्साहवर्द्धक है। विशेषांक सीमित मात्रा में प्रकाशित कराया गया इसलिए सभी बड़े बिक्री केंद्रों पर कुछ ही कापियां भिजवाई गईं। ये कापियां लोगों हाथोंहाथ खरीद लिया। 29 मार्च को चौथी दुनिया जब विधिवत रूप से बाजार में आएगा तब हम एक लाख कापियों की बिक्री का अंदाज लगाकर चल रहे हैं।’
इस साप्ताहिक अखबार की बिक्री के लिए कोई खास रणनीति? इस सवाल पर डीएस कहते हैं- ‘जब कंटेंट उत्कृष्ट हो और प्रोडक्शन क्वालिटी बेहतरीन हो तो किसी रणनीति की जरूरत नहीं है। चौथी दुनिया अपने इतिहास की तरह इस बार भी सिर्फ अपने कंटेंट व क्वालिटी के दम पर बिकेगा। हम लोगों ने वार्षिक सदस्यता के लिए 1000 रुपये और छमाही सदस्यता के लिए 500 रुपये की साधारण स्कीम शुरू की है ताकि पाठकों तक चौथी दुनिया सीधे पहुंचे।’
चौथी दुनिया के पुनर्प्रकाशन पर इस अखबार के प्रधान संपादक संतोष भारतीय कहते हैं- ‘राष्ट्रीय खबरें देश और राज्यों की राजधानियों में ही नहीं होतीं। ये खबरें गांव देहात में हो रही घटनाओं में छिपी होती हैं। ये खबरें या तो दबा दी जाती हैं या अखबारों तक पहुंच ही नहीं पाती। इन खबरों को देश के सामने लाने का प्रयास विनम्रता से करेंगे।’
चौथी दुनिया को देश का पहला संपूर्ण राष्ट्रीय अखबार होने का भी दावा किया जा रहा है। ऐसे दौर में जब गली-कूचे में एडिशन निकाले जाने लगे हैं और वहीं की खबरें वहां के लोगों को परोसा जाता है, चौथी दुनिया न सिर्फ हिंदी भाषी प्रबुद्ध लोगों को राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मसलों पर विचारवान बनाएगा, बल्कि समाज को एक दिशा देने के लिए फैसले लेने को प्रेरित करेगा। इसीलिए इस अखबार की पंचलाइन है- चौथी दुनिया पढ़िए, फैसला कीजिए।
चौथी दुनिया के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए इस पते पर संपर्क कर सकते हैं
चौथी दुनिया, के-2, दूसरी मंजिल, चौधरी बिल्डिंग, कनाट प्लेस, नई दिल्ली-110001
फोन- 011-47149999, फैक्स- 011-47149906, मोबाइल- 09811076636, 09910035462