रेल मंत्रालय की एकमात्र लोकप्रिय हिंदी मासिक पत्रिका ‘भारतीय रेल‘ का वार्षिक विशेषांक (2009) अपनी बेहतर साज-सज्जा और सुरुचिपूर्ण सामग्री के साथ प्रकाशित हो गया है। पत्रिका में नई रेल मंत्री ममता बनर्जी के संदेश के साथ ही रेलवे के विविध विषयों पर केंद्रित सचित्र 40 लेख प्रस्तुत किए गए हैं। इस वार्षिकांक का प्रकाशन वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया है जो मैग्जीन के परामर्शदाता के बतौर संपादक मंडल में शामिल हैं। संपादक मंडल के अन्य सदस्य हैं- एसएस खुराना (अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड), सौम्या राघवन (वित्त आयुक्त, रेलवे), केबीएल मित्तल (सचिव) और मनीष तिवारी (निदेशक, सूचना एवं प्रसार)।
सामग्री चयन की दृष्टि से यह संग्रहणीय अंक है। पत्रिका के इस विशेषांक में बताया गया है कि भारतीय रेल अपने भविष्य के प्रति कितनी आशावान है। साथ ही, भारतीय रेल की वित्तीय रूपरेखा, भविष्य की चुनौतियां, चल स्टॉक में सुधार, उत्पादकता के नए मानक, रेल कल्याण संगठन, माल परिवहन, रेल टेल आदि पर भी सविस्तार प्रकाश डाला गया है। पत्रिका में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एसएस खुराना ने रेलवे के लक्ष्यों के बारे में विस्तार से और आंकड़ों के साथ जानकारी दी है तो इन दिनों सुर्खियां में बने हुए दिल्ली मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक डा. ई श्रीधरन ने मेट्रो नेटवर्क और इसके भविष्य पर प्रकाश डाला है। तथ्य और आंकड़ों के लिहाज से बेजोड़ यह मैग्जीन बाजार में आ चुकी है।
पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह अब राजनीति के साथ-साथ पत्रकारिता की डगर पर भी चल चुके हैं। वे संपादक बन गए हैं। मानवेंद्र पूर्व रक्षामंत्री और भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे हैं। उन्हें सैन्य एवं सुरक्षा मामलों पर केंद्रित एक अंग्रेजी मैग्जीन का संपादक बनाया गया है। इस मैग्जीन को जल्द लांच किया जाएगा। ओसियन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड यह मैग्जीन ला रही है जो हिंदी के प्रकाशक प्रभात प्रकाशन की मूल कंपनी है। कंपनी के सीईओ पवन अग्रवाल हैं। इस मासिक मैग्जीन की कीमत 120 रुपये होगी। यह मैग्जीन बाजार में उपलब्ध नहीं होगी। यह उन्हीं पाठकों तक पहुंच सकेगी, जो सीधे भुगतान कर प्रकाशन से उसे प्राप्त करना चाहेंगे। इस मैग्जीन के सितंबर तक लांच किए जाने के आसार हैं।