राष्ट्रीय सहारा, पटना की वरिष्ठ पत्रकार निवेदिता झा का निलंबन सहारा ग्रुप को वापस लेना पड़ा है। निवेदिता ने 18 मई को फिर से पटना में राष्ट्रीय सहारा के आफिस में ज्वाइन कर लिया लेकिन अगले ही दिन प्रबंधन ने उनका तबादला राष्ट्रीय सहारा के देहरादून आफिस कर दिया। निवेदिता ने तबादले को बदले की कार्रवाई करार दिया। उन्होंने प्रबंधन को अपनी असहमति से वाकिफ करा दिया है। साथ ही, देहरादून जाने से भी इनकार कर दिया। भड़ास4मीडिया से बातचीत में निवेदिता झा ने बताया कि उनके साथ प्रबंधन के लोगों ने अभद्रता की और बाद में अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर निलंबन की जो कार्रवाई की, उसके खिलाफ उन्होंने महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया।
महिला आयोग की तरफ से सहारा ग्रुप को विशाखा समिति के आधार पर आंतरिक जांच कराकर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। विशाखा समिति की गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी संस्थान में कोई महिला अपने साथ किसी तरह के दुर्व्यवहार की शिकायत करती है तो मामले की जांच के लिए जो समिति बनाई जाए, उसमें संस्थान के बाहर के गणमान्य लोगों को शामिल किया जाए और जांच समिति में पचास फीसदी सदस्य महिलाएं हों। महिला आयोग के दबाव के बाद प्रबंधन ने निलंबन तो वापस ले लिया लेकिन तबादला करके फिर से परेशान करने की कोशिश की है। निवेदिता का आरोप है कि जेंडर बेस्ड मामला उठाने के चलते ही उन्हें दंडित करने के उद्देश्य से तबादला किया गया है जो गलत है। अभी जबकि प्रकरण कई स्तरों पर लंबित है और महिला आयोग का भी कोई फैसला नहीं आया है, तबादला करना अनुचित है और यह संस्थान के महिला विरोधी रवैए को उजागर करता है।
निवेदिता के मुताबिक सहारा ग्रुप ने महिला आयोग को जो जवाब भेजा है उसमें मेरे पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया है और कहा गया है कि संस्थान के कई लोग मेरे खिलाफ गवाही दे सकते हैं। निवेदिता का कहना है कि संस्थान में काम करने वाले लोग संस्थान के पक्ष में गवाही देंगे ही, इसमें कोई नई बात नहीं है। निवेदिता का कहना है कि उनका मकसद सहारा में दुबारा आकर नौकरी करना कतई नहीं है। वह महिला सम्मान की लड़ाई लड़ रही हैं और न्याय पाने तक लड़ाई जारी रखेंगी। वे नहीं चाहती कि आगे से फिर किसी लड़की के साथ कार्यस्थल पर इस तरह का दुर्व्यवहार किया जाए।
निवेदिता का प्रबंधन से जो विवाद हुआ था, उसके बारे में विवाद के तुरंत बाद दोनों पक्षों से बातचीत पर आधारित खबर भड़ास4मीडिया में प्रकाशित हुई था। इसे पढ़ने के लिए क्लिक करें- यादवेश और निवेदिता की ‘लड़ाई’ से पटना गरम