पंजाब केसरी अखबार के दिल्ली संस्करण के 30 मई के अंक में पहले पन्ने पर बाक्स में एक लंबा-चौड़ा खंडन प्रकाशित हुआ है। यह खंडन हिंदी न्यूज चैनल आजतक से संबंधित एक खबर के बारे में है जिसका प्रकाशन पंजाब केसरी में 14 दिसंबर, 2005 को किया गया था। यहां यह खंडन इस उद्देश्य से प्रकाशित किया जा रहा है ताकि पाठक जान सकें कि अखबारों में किस तरह खबरें और फिर बाद में उनका खंडन छापा जाता है। -एडिटर, भड़ास4मीडिया
जिम्मेदारी के साथ खेद भी
14 दिसंबर, 2005 को समाचार पत्र पंजाब केसरी में एक समाचार ”11 सांसदों को रिश्वत लेते दिखाया, 13 को छुपाया” शीर्षक से प्रकाशित हुआ था, जिसमें समाचार चैनल ”आजतक” पर कुछ खास मकसद से खबर दिखाने तथा कुछ अन्य आरोप लगाए गए थे। उपरोक्त समाचार चैनल से तथ्यों को सत्यापित किए बिना लापरवाही से प्रकाशित किया गया था। यह समाचार गलत और आधारहीन था, जो बाद में पूरी तरह तथ्यहीन और आधारहीन साबित हुआ। इसमें चैनल, संपादकीय टीम और प्रबंधन की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को ठेस पहुंची। चैनल की प्रतिष्ठा एक गैर-राजनीतिक और स्वतंत्र चैनल के रूप में है, जिसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई जुड़ाव या संबंध नहीं है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि समाचार पत्र को अपनी भूल का एहसास हो चुका है। हमारा मकसद ”आजतक” चैनल या इसके संपादक या प्रबंधन की भावना या विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने का नहीं था और हम इस समाचार के प्रकाशन से जो आघात पहुंचा, उसके लिए गहरा खेद जताते हैं।
-सम्पादक