दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल का स्टिंग कर ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में पिछले दिनों गिरफ्तार हुए टीवी जर्नलिस्ट पुष्प शर्मा ने भड़ास4मीडिया पर इस संबंध में प्रकाशित खबर को लेकर अपना पक्ष भेजा है। उन्होंने कहा है कि जो कुछ भी अखबारों व पोर्टल पर प्रकाशित हुआ है, उसके विषय में तो वे कुछ नहीं कहना चाहेंगे क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जो भी फैसला होगा, सबके सामने आ जाएगा। पर अपने पत्रकार साथियों से निवेदन करना चाहूंगा कि… ”दोस्त, हम भी मीडिया का हिस्सा हैं, साथ न दो तो गालियां भी मत दो भाई। थोडा-सा समय दे दें। मैं अपने सभी मीडिया साथियों को विश्वास दिलाता हूं कि सच की ताकत बहुत बड़ी होती है इसलिए थोड़ा समय लग सकता है, जैसे रुचिका और राठौर के मामले में लगा लेकिन आखिरकार सत्य सामने आ जाएगा।”
पुष्प शर्मा का कहना है कि उन्हें अगर जीवन में केवल पैसा ही कमाना होता तो वे आईआईएम, बंगलोर से इतना सीख चुके थे कि किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी वे बड़े पद पर काम कर रहे होते। पुष्प कहते हैं कि वे खोजी पत्रकार इसलिए बने ताकि जो वे सह नहीं सकते, उसके खिलाफ लड़ सकें। उनके मुताबिक- ”शेष बातें सही समय आने पर कहूंगा लेकिन एक बात जरूर कहूंगा कि जल्द ही आपको सत्ताधारी पक्ष के कुछ लोग, जो आज मंत्री हैं, वो बेनकाब होते दिखाई दे जायेंगे। एक-एक सच का खुलासा सही वक़्त पर होगा. जरा धैर्य रखें और विश्वास करें। आज का वक़्त ऐसा है कि अगर आप चोर को पकड़ लेंगे तो वो भी आखिरी वक़्त तक अपने आप को सही कहेगा। यकीन मानें, स्टिंग ऑपरेशन करते वक़्त पूरी ईमानदारी बरती जाती है। अगर हम सरकार में बैठे बड़े चेहरों को बेनकाब करते हैं तो बेनकाब होने के बाद उनका चिल्लाना बनता है। चिल्लाने के अलावा कोई भी गन्दा आदमी कर क्या सकता है। लेकिन फिर भी आप चाहें तो मैं ऐसे पुलिस वालों को आपके सामने खड़ा कर दूंगा जो खुद आपको मेरे बारे में बता देंगे।”
पुष्प ने अपने पत्र में अपने करियर में किए गए कई बड़े स्टिंग आपरेशनों का विस्तार से उल्लेख किया है। उनका कहना है कि इन बड़े स्टिंग आपरेशनों के बारे में बताने का मकसद सिर्फ यह है कि एकतरफा कहानी पर यकीन न करें। सिर्फ वक़्त का इंतजार करें। पुष्प के शब्दों में- ”ये विश्वास दिला सकता हूं कि मेरे हर एक काम से मीडिया को गर्व ही होगा, किसी को कुछ भी कहने दें, आप देखिये सच में कितनी ताक़त होती है और वह कैसे सामने आता है।”