‘
समान अवसर आयोग’ का गठन फिलहाल नहीं हुआ है लेकिन इसके औचित्य पर अभी से ही सवाल उठने लगे हैं। इस संबंध में ‘इंडिया पालिसी फाउंडेशन’ की तरफ से एक पुस्तिका का विमोचन रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में लोकसभा के उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने किया। इस पुस्तिका के लेखक दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर राकेश सिन्हा हैं। पुस्तिका का विमोचन करते हुए इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि करिया मुंडा ने कहा कि जब पहले से ही कई आयोग लोगों के अधिकार के लिए बने हुए हैं तो फिर ऐसे में समान अवसर आयोग का गठन समझ से परे है। उन्होंने कहा कि अभी बिल संसद में नहीं आया है इस गंभीर विषय पर चर्चा होना आवश्यक है।
उन्होंने इस प्रयास के लिए भारत नीति फाउंडेशन को धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री और जाने-माने चिंतक आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि ऐसा कोई भी आयोग जो अलगाववाद को बढ़ावा देता हो, इस देश के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे समान अवसर आयोग के गठन का पक्षधर हूं जिसके अंतर्गत देश के सभी नागरिक आते हों न कि किसी खास समूह विशेष को ध्यान में रखकर किसी आयोग का गठन हो। श्री खान ने कहा कि शाहबानो के प्रकरण में भी उन्होंने सरकार से कहा था कि आज आप जो भी कर रहे हैं उसका परिणाम घातक होगा। और देश ने 1986 के बाद के सालों में इसका परिणाम भुगता।
सभा की अध्यक्षता जाने-माने स्तम्भकार राजेंद्र पुरी ने की। उन्होंने समाज में व्याप्त भेदभाव को देशहित के खिलाफ बताया। भारतीय नीति फाउंडेशन के चेयरमैन बजरंगलाल गुप्ता ने समान अवसर आयोग के तहत किसी खास समुदाय को ही लाभ पहुंचाने की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बौद्धिक जगत को इस पर गहराई से विचार करना चाहिए। इससे पूर्व पुस्तक के लेखक राकेश सिन्हा ने पुस्तक की भूमिका पर अपना वक्तव्य रखा। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की प्रो. शीला राय ने मंच संचालन किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रियदर्शी दत्ता ने किया।