रेडियो की बात आते ही जो पहला नाम जेहन में आता है वो हैं अमीन सयानी। जी हां, भाइयों और बहनों….एक जमाने में रेडियो का दूसरा नाम कहे जाने वाले अमीन सयानी आज भी उसी रुमानियत व जोश से भरे हैं। बोलने का वही अंदाज, वही मीठी व अपनेपन वाली आवाज। उत्तरी बंगाल-सिक्किम के पहले व नंबर एक रेडियो स्टेशन रेडियो मिष्टि 94.3 एफएम ने अपने श्रोताओं तक अमीन सयानी की आवाज पहुंचाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम ‘गीतमाला की छांव में’ तैयार कराया है।
यह कार्यक्रम 16 मार्च से 20 मार्च तक प्रसारित होगा। इस में अमीन सयानी पुरानी यादें गुनगुनायेंगे। इस खास शो में अमीन सयानी उस जमाने के मशहूर गीतों को भी पेश करेंगे। अमीन सयानी का सफर इतना आसान नहीं था। कभी वे गायक बनना चाहते थे। लेकिन बाद में जाने-माने ब्रॉडकास्टर बन गए। वे मानते हैं कि अच्छी हिंदी बोलने के लिए थोड़ा-सा उर्दू ज्ञान जरूरी हैं। इस तरह के कई खास अनछुए पहलू के बारे में अमीन सयानी बताएंगे। इस खास शो में संगीत और फिल्म जगत के मशहूर लोगों का इंटरव्यू भी होगा।
रेडियो मिष्टि के चीफ एक्जीक्यूटिव आफिसर निशांत मित्तल ने बताया कि अपने श्रोताओं के लिए रेडियो मिष्टि का हमेशा ही नए, कल्पनाशील और प्रयोगधर्मी थीम में विश्वास रहा है। मिष्टि हर उम्र के लोगों की रुचियों को ध्यान में रखता है, इसीलिए वह सभी का प्यारा है। रेडियो मिष्टि का नारा है- ‘‘लोकल पीपुल – लोकल वायस – लोकल स्टेशन – लोकल च्वायस”। निशांत के अनुसार रेडियो मिष्टि अपने विभिन्न प्रयोगधर्मी व जन भागीदारी वाले कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों को शरीक करते हुए स्थानीय परंपराओं, धरोहरों, संस्कृतियों को बढ़ावा देने का कार्य करता है। उल्लेखनीय है कि ”गुनगुनाते रहो” की टैगलाइन के साथ रेडियो मिष्टि 94.3 एफएम सिलिगुड़ी में वर्ष 2007 में लांच हुआ था और इसे इलाके का पहला एफएम स्टेशन होने का गौरव प्राप्त हुआ।