राज एक्सप्रेस के तीन पत्रकारों और पीपुल्स समाचार के एक पत्रकार को न्यूज एडिटर बनाया गया : मोबाइल चोरी में असिस्टेंट मैनेजर कार्यमुक्त : सोम साहू की नई पारी : राज एक्सप्रेस, इंदौर के सभी रिपोर्टर्स के वेतन में लगभग दो-दो हजार रुपए की वृद्धि कर दी गई है. संपादक रवीन्द्र जैन के प्रस्ताव को ग्रुप के सीएमडी अरुण सहलोत ने स्वीकृति प्रदान कर दी है.
लगभग एक माह पहले रवीन्द्र जैन ने राज एक्सप्रेस के ग्वालियर संस्करण में सभी पत्रकारों को वेतन लाभ दिलाया था. रवीन्द्र जैन का कहना है कि जबलपुर संस्करण में भी सभी पत्रकारों को इसका लाभ जल्दी ही मिलेगा.
एक अन्य जानकारी के अनुसार राज एक्सप्रेस के संपादक रवीन्द्र जैन की अनुशंसा पर प्रबंधन ने ग्वालियर, इंदौर व जबलपुर में तीन पत्रकारों को नए न्यूज एडीटर के रूप में पदोन्नत किया है. इंदौर में मुकेश तिवारी, ग्वालियर में कौशल मुदगल एवं जबलपुर में प्रदीप मिश्रा को यह जिम्मेदारी दी गई है.
राष्ट्रीय सहारा, देहरादून के नए यूनिट हेड सरदार परमेंदर सिंह को बनाया गया है. रीजनल मार्केटिंग मैनेजर डीडी शर्मा अभी तक कार्यवाहक यूनिट हेड के रूप में काम संभाल रहे थे.
हिंदुस्तान, वाराणसी के स्टोर और न्यूज प्रिंट विभाग के प्रभारी असिस्टेंट मैनेजर शत्रुघ्न गुप्ता को मोबाइल चोरी के आरोप में नौकरी से हटा दिया गया है.
पीपुल्स समाचार, जबलपुर में सेंट्रल डेस्क पर कार्यरत पत्रकार राजेश दीक्षित को प्रमोट करके न्यूज एडिटर बना दिया गया है.
राजस्थान पत्रिका, जयपुर के पत्रकार सोम साहू ने इस्तीफा देकर अमर उजाला, आगरा में डीएनई के रूप में ज्वाइन कर लिया है.
alakh niranjan
May 13, 2010 at 4:16 pm
राज एक्सप्रेस ने पत्रकारों की वेतन वृद्धी कर दी,सुन कर अच्छा लगा. वैसे राज ने अपने आगमन-काल से ही पत्रकारों को भास्कर,जागरण आदि अखबारों से ज्यादा वेतन देकर उनकी प्रतिष्ठा बढाई है- अब रविन्द्र जैन जी की पहल पर और तरक्की हो गई. मालिक अरुण सहलोत, संपादक रविन्द्र जैन के प्रति आभार और सभी हितग्राहियों को हार्दिक बधाई.
kamlesh rajoria
May 14, 2010 at 5:28 am
राज एक्सप्रेस मै वेतन वृधी की बात झूठी है, यहाँ ३ साल से किसी का कोई वेतन नहीं बढ़ा, इस बार भी भागते लोगो को रोकने के लिए ये भ्रम फैलाया गया है. राज से लोगो का लगातार भागना जारी है, प्रबंधन उन्हें रोक नहीं पा रहा तो वेतन वृधी की बात आपके मार्फ़त फली जा रही है, जबकी सच यही है की ऐसा कुछ नहीं हो रहा. जब लोगो को धमका कर रोकना संभव नहीं हुआ तो वेतन वृधी की अफवाह उड़ाई. अभी यहाँ रविन्द्र जैन प्रबंधन की नाक का बाल बना है और यह उसके ही चाल है, जबके रविन्द्र का रिकॉर्ड और धन्दे बाज़ी के सबका खबर है. राज को बिल्डर कंपनी की तरह चलाया जा रहा है जो शायद देश मै एक मात्र प्रयोग है. सावधान रहे की राज मै किसी का वेतन नहीं बढ़ा.