रात भर थाने में बिठाए रखा पुलिस ने, दबाव बढ़ने पर सुबह अस्पताल में दाखिल : लखनऊ से खबर है कि आधारशिला ग्रुप के चेयरमैन और हिंदी-अंग्रेजी की साप्ताहिक पत्रिकाओं ‘बाई-लाइन’ मैग्जीन के प्रधान संपादक राजीव चतुर्वेदी इस वक्त पुलिस हिरासत में हैं. उन्हें कल शाम को लखनऊ पुलिस ने थाने बुलाकर बिठा लिया. मामला लखनऊ के आशियाना थाने से जुड़ा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक उन्हें रात भर थाने में रखा गया और आज सुबह करीब चार बजे उन्हें थाने से अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया. इस हाइप्रोफाइल प्रकरण से पूरे लखनऊ में सनसनी है. जानकारी के अनुसार राजीव चतुर्वेदी पर चेक बाउंस का कोई मामला किसी अदालत में चल रहा है. इस मामले में कई सम्मन आए पर राजीव कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. इसी को लेकर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है. सूत्रों के अनुसार राजीव चतुर्वेदी का अपने बिजनेस राइवल्स के साथ लफड़ा चल रहा है. ये बिजनेस राइवल्स माया सरकार के एक कद्दावर मंत्री के नजदीकी हैं.
इसी कारण पुलिस ने राजीव चतुर्वेदी को उठाने में अतिरिक्त सक्रियता दिखाई. आशियाना थाने में पुलिस ने जीडी में पूरा मामला दर्ज कर राजीव को गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों के मुताबिक ‘बाई-लाइन’ के प्रधान संपादक को पुलिस वालों ने बातचीत के मकसद से थाने बुलाया. राजीव को यह कतई अंदाजा नहीं था कि उन्हें एक जाल में फंसाया जा रहा है. वे अकेले ही थाने चले गए. वहां इंस्पेक्टर ने चाय वगैरह पिलाने के बाद जीडी में उनकी गिरफ्तारी दर्ज कर उन्हें थाने में ही बैठे रहने को कह दिया.
राजीव चतुर्वेदी को जब पूरा माजरा समझ में आया तो वे सन्न रह गए. ‘बाई-लाइन’ से जुड़े लोग राजीव की रिहाई को लेकर सक्रिय हो गए पर कुछ हो न सका. इंस्पेक्टर ने आफ द रिकार्ड बता दिया कि उपर से हमें कार्रवाई के निर्देश हैं इसलिए कुछ नहीं कर सकते. ज्यादा दबाव बढ़ते देख इंस्पेक्टर मौके से गायब हो गया. कुछ लोगों का कहना है कि राजीव चतुर्वेदी की गिरफ्तारी में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बृजलाल ने रुचि दिखाई है. कुछ का कहना है कि मामला नसीमुद्दीन सिद्दीकी के नजदीकी लोगों से संबंधित है इसलिए पुलिस-प्रशासन के लोग एक पांव पर खड़े होकर कार्रवाई करने को तत्पर हो गए.
राजीव चतुर्वेदी की गिरफ्तारी की खबर लखनऊ मीडिया जगत में फैलते ही पत्रकार थाने पहुंचने लगे. सूत्रों के अनुसार राजीव चतुर्वेदी के लोगों ने जब प्रशासन के अफसरों पर दबाव बनाया गया तो सुबह के वक्त एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के निर्देश पर खराब स्वास्थ्य को आधार बनाते हुए राजीव चतुर्वेदी को बलरामपुर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करा दिया गया. सूत्रों के मुताबिक राजीव का हार्ट, बीपी समेत कई तरह की बीमारियां हैं, इसी कारण उन्हें भर्ती कराया गया.
इस पूरे प्रकरण में एक उल्लेखनीय तथ्य यह है कि राजीव चतुर्वेदी की गिरफ्तारी का वक्त भी वह चुना गया है जब अदालत बंद हो. कल शाम उन्हें गिरफ्तार किया गया, तब तक कोर्ट वगैरह पर ताला लटक चुका था. आज रविवार है. कल होली है. इस तरह आज अगर उन्हें कहीं से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें अस्पताल या फिर जेल में रहना पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक विरोधी पार्टी का मकसद राजीव चतुर्वेदी को बदनाम करना था, इसीलिए पुलिस व प्रशासन को मिलाकर चुपके से यह सब कार्रवाई की गई.
इस पूरे प्रकरण के बारे में आधिकारिक जानकारी के लिए जब बाई-लाइन के संपादक प्रभात रंजन दीन से संपर्क किया गया तो उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुए ही खुद ही पूछ लिया कि राजीव चतुर्वेदी के साथ क्या हुआ है? जब राजीव की गिरफ्तारी के बाबत उनसे पूछा गया तो प्रभात रंजन दीन ने कहा- ”मेरी कुछ ही देर पहले राजीव चतुर्वेदी से बात हुई है. हम दोनों ने मैग्जीन के संबंध में दस मिनट तक बात की. वे किसी गिरफ्तारी या इस तरह के मामले का जिक्र नहीं कर रहे थे. इसका मतलब कि सब ठीक चल रहा है. कहीं कुछ नहीं हुआ है.”
रचित पंकज
February 28, 2010 at 12:34 am
यह तो होना ही था। बाकी तमाम बिगडैलों की तर्ज़ पर राजीव चतुर्वेदी ने भी अपना स्याह सफ़ेद छुपाने के ही लिए पत्रिका निकाली है। जाने कितनों का पैसा दाबे बैठॆ हैं। जो पैसा मांगने की गलती करता है उसे प्रेस की धौंस में लेकर गाली-गलौज कर भगा देते हैं। पर अबकी सवा सेर मिल गया। तो होली लाक-अप में गुज़र रही है। बधाई होली की यहीं से। अब सबको प्रेस की धौंस में लेना बंद करिए और कि अपने को खुदा मानना बंद करिए। बडे-बडे जागरण पिट-पिटा कर जाग गए हैं, आप भी जाग जाइए। प्रतिदिन शुक्ला मत बनिए और ज़मीन पर आइए। नहीं बाइलाइन बेलाइन हो जाएगी।
tarun sharma
February 28, 2010 at 3:51 am
boss,
cheque bounce hai to jail ke hawa khani he padege.
galat na hote to jail na jate
SapanYagyawalkya
February 28, 2010 at 10:00 am
patrakaron ke sath shasan-prashasan aise hi hisab chukata hai.sadyantrapurvakchot ki jati hai.besharmi patrakaron ki ki vah phir bhi kayam bane rahte hain. Sapan Yagyawalkya Bareli (MP)
smith
March 1, 2010 at 11:24 pm
Yeh bahut bada fraud hai… accha hua iske saath