राजपाल यादव ऐसे जब भी किसी फ़िल्म में होते हैं तो उन्हें देख कर दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान खिल जाती है. राजपाल अब ९० के करीब फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं. उन्होंने सबसे पहले सन् १९९६ में लोकप्रिय धारावाहिक ”मुंगेरी लाल के हसीन सपने” के सीक्वेंस धारावाहिक ”नौरंगी लाल” में अभिनय किया था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इन दिनों राजपाल फिर चर्चित हैं क्योंकि एक नयी फ़िल्म ”कुश्ती” नाम से आने वाली है.
मस्त, जंगल, प्यार तूने क्या किया, हंगामा, वक़्त – द रेस अगेंस्ट टाइम, ढोल, मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूँ, फिर हेरा फेरी, पति पत्नी और वो, गरम मसाला, बिल्लू, रन, भागमभाग, कंपनी, डू नॉट डिस्टर्ब, पहेली आदि ऐसी अनेको फ़िल्में हैं जिनमें उन्होंने काम किया है. वीनस के बैनर में बनी इस फ़िल्म ”कुश्ती” के निर्देशक हैं राजीव कुमार. फ़िल्म में अभिनय करने वाले कलाकार हैं राजपाल यादव, नर्गिस, मनोज जोशी, असरानी, शरत सक्सेना, ओम पुरी व पहलवान ग्रेट खली. पिछले दिनों राजपाल यादव से बातचीत हुई प्रस्तुत हैं कुछ मुख्य अंश —
* अपनी फ़िल्म ”कुश्ती ” के बारें में बताइए?
इस फ़िल्म की कहानी में उत्तर भारत का एक गाँव दिखाया गया है, जहाँ हर वर्ष कुश्ती का आयोजन होता है जीतेन सिंह व अवतार सिंह दोनों तरफ के पहलवान वर्षो से कुश्ती लड़ते आये हैं. अवतार सिंह की बेटी लाडली (नर्गिस) है, जो कि अभिनेता सलमान खान की प्रशंसक है. मैं पोस्टमैन बना हूँ. चंदर नाम है मेरा. और मैं अवतार सिंह की बेटी से प्यार करने लगता हूँ. वीनस के बैनर में निर्मित इस फ़िल्म के निर्देशक हैं राजीव कुमार.
* आप इसमें आप पोस्ट मैन बने हैं तो कैसा रहा इस भूमिका को करना ?
मैंने पहली ही बार इस तरह की भूमिका को किया है, बहुत ही सीधा सादा है यह पोस्टमैन.
* आपके साथ इस फ़िल्म में पहलवान खली भी हैं, तो कैसा रहा उनके साथ काम करना ?
बहुत ही अच्छा रहा खली के साथ काम करना, बहुत ही डाउन टू अर्थ हैं खली. कभी लगा ही नहीं कि मैं डब्लू डब्लू एफ के किसी बड़े रेसलर के साथ खड़ा हूँ. ८- १० दिन उनके साथ बहुत ही अच्छे बीते. बहुत ही सरल स्वभाव के हैं खली. जितना बड़ा शरीर हैं उतना ही नाजुक दिल हैं उनका.
* सुना है इस फ़िल्म में आपके और खली के बीच कुश्ती भी दिखाई गयी है, तो कितना मजा आया उनके साथ लड़ने में?
अरे मैं उनके साथ कैसे लड़ सकता हूँ ? मेरी क्या हिम्मत है उनके सामने, कोशिश की है उनके सामने हाथ पैर फेकने की. शुरू में तो बहुत ही डर लगा कि कहीं गलती से भी उनका हाथ या पैर मेरे लग गया तो मेरा क्या होगा, लेकिन सब कुछ अच्छे से निबट गया तभी मैं आपके सामने हूँ.
* क्या यह फ़िल्म दर्शको को पसंद आएगी ?
हाँ क्यों नहीं, हंसी मजाक से भरपूर इस फ़िल्म को देख कर दर्शक हंस-हंस कर लोटपोट हो जायेंगे. फ़िल्म की कहानी भी अच्छी है, इसके अलावा निर्देशक राजीव कुमार ने बहुत ही अच्छी फ़िल्म बनायी है.
* निर्देशक राजीव कुमार के बारे में बताइए, सुना है उनको हिंदी नहीं आती है. बातचीत करने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आयी ?
नहीं कोई भी परेशानी नहीं आयी, राजीव जी प्रियन के सहायक रह चुके हैं, लेकिन यह फ़िल्म पूरी तरह से उनकी ही फ़िल्म है. और जब यह फ़िल्म दर्शक देखेगें तब उन्हें खुद पता चल जाएगा.
sushil Gangwar
May 11, 2010 at 9:52 am
Hello
Rajpal ji
Kya aap mujhe bhul gaye . Mai aapse Complete cinma me kaam karne ke douran milta raha hu. aapki ye film safal rahe . hamari ye hi dua hai.
Sushil Gangwar
http://www.sakshatkar.com
satya prakash azad
May 12, 2010 at 2:27 am
agar main galat nahi hun to…shayad khali WWF ke nahi WWE ke wrestler hain…….