कुछ महीने पहले राजस्थान पत्रिका, जयपुर के मैग्जीन विभाग में वरिष्ठ उप-संपादक पद से इस्तीफा देने वाले और राजस्थान पत्रिका में लोककथा तथा अक्षरयात्रा जैसे चर्चित स्तभों के लेखक डॉ. राजेंद्र रत्नेश ने अपनी नई पारी प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर में उपनिदेशक (शोध) के रूप में शुरू की है.
बता दें कि कभी जैन मुनि रहे डॉ. रत्नेश ने जैन साध्वी से प्रेम विवाह कर मुनित्व छोड़ने के बाद चंद्रास्वामी के सलाहकार हो गए थे फिर माया पत्रिका और राजस्थान पत्रिका में काम किया. इन दिनों ”एक जैन मुनि की आत्मकथा” और ”सम डेज विद चंद्रास्वामी ‘ नामक दो आत्मकथात्मक किताबों के लेखन में लगे डॉ. राजेंद्र रत्नेश का पिछले साल जैन तीर्थंकर महावीर के जीवन पर आधारित चर्चित उपन्यास ‘वर्द्धमान’ राधाकृष्ण प्रकाशन दिल्ली से आया था.