कर्मचारियों के चेहरे पर लौटी रौनक : चंदन बनर्जी की होगी छुट्टी : वित्तीय संकट से जूझ रहे “सहारा समय, मुंबई” समाचार चैनल में जान फूंकने के लिए सुशांतो राय ने सीईओ के रूप में एक बार फिर से कमान संभाल लिया है. पिछले छह माह से चैनल का कार्यभार देख रहे एनआरआई पत्रकार चंदन बनर्जी की छुट्टी तय मानी जा रही है। 3 नवंबर, 2009 की शाम सुशांतो राय द्वारा हस्ताक्षरित एक सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि अब से सभी कर्मचारी केवल उन्हें ही रिपोर्ट करेंगे। इस सर्कुलर के बाद चैनल के लगभग 175 कर्मचारियों के चेहरे पर फिर से रौनक लौट आई है.
गौरतलब है कि “सहारा समय, मुंबई” का प्रारंभ 2003 में बड़े जोर-शोर से हुआ था। उस समय सुशांतो राय सीईओ बनाए गए थे। मुंबई का हेड आरकेबी को बनाया गया था। उसके बाद चैनल की रूपरेखा में कई बदलाव हुए। यहां तक कि चैनल के वाइस प्रेसीडेंट आरकेबी को भी अपना पद छोड़ना पड़ा जिसके कारण चैनल की टीआरपी सीधे जमीन पर आ गई। चैनल की हालत एकदम चरमरा गई। इससे उबरने के लिए और वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कंपनी ने छह माह पहले बोस्टन (जर्मनी) के पत्रकार चंदन बनर्जी को नियुक्त किया था।
सूत्रों का मानना है कि चंदन बनर्जी की नियुक्ति के बाद यहां की हालत और खराब हो गई। कर्मचारियों में गुटबाजी शुरू हो गई। चैनल की वित्तीय स्थिति बदतर होती गई। चंदन बनर्जी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फंड इकट्ठा करने की बात कही थी लेकिन उसमें भी वे सफल न हो पाए। चंदन बनर्जी एक समय सहारा समय को खरीदने की बात कर रहे थे लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। खबर है कि “सहारा समय राष्ट्रीय” के सभी कर्मचारियों के पिछले महीने के वेतन में लगभग 10 फीसदी की कटौती की गई है लेकिन सहारा समय मुंबई को इस कटौती से मुक्त रखा गया है जिससे कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।